आंध्र प्रदेश के तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद में जानवरों की चर्बी वाले घी के इस्तेमाल की बात सामने आने से अब यह मामला दूसरे राज्यों में भी पहुंचता दिख रहा है। पूरे देश में इस मामले को लेकर चर्चा हो रही है। सीएम चंद्रबाबू नायडू द्वारा भी मामले की जांच के लिए SIT गठित कर दी गई है। हिंदू संगठन लगातार आरोपियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। जहां तिरुपति बालाजी के मंदिर में शुद्धिकरण की प्रक्रिया चल रही है, वहीं दूसरी तरफ प्रसाद का विवाद यूपी के विश्व प्रसिद्ध बांके बिहारी मंदिर के प्रसादतक पहुँच गया है। इस मामले में आरोप ये है कि वृंदावन में प्रसाद बनाने के लिए खराब क्वॉलिटी के खोये का इस्तेमाल हो रहा है।
डिंपल यादव ने उठाया मुद्दा
बांके बिहारी मंदिर में भोग के तौर पर चढ़ने वाले पेड़े में मिलावट को लेकर ये मुद्दा समाजवादी पार्टी की सांसद डिंपल यादव ने उठाया है। बांके बिहारी के दरबार में हर रोज करीब 50 हजार भक्त पहुंचते हैं और कोई भी श्रद्धालु बिना पेड़ा लिए वहां से वापस नहीं आता है , लेकिन इस पेड़े में मिलावट की खबरों के बाद से भक्तों के मन में कई तरह के सवाल उठ रहे हैं।
इस विवाद में बीजेपी के नेता और पूर्व सांसद बृजभूषण सिंह भी कूद गए हैं। उन्होंने यूपी के कोने-कोने में मिलने वाले घी की जांच होनी चाहिए। मथुरा के पेड़ों की गुणवत्ता की जांच शुरू हो गई है. यूपी के फूड सेफ्टी एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ने मथुरा, वृंदावन और गोवर्धन के मंदिरों से प्रसाद के 13 सैंपल जमा किए हैं और इनकी जांच रिपोर्ट 15 दिन के बाद आएगी।
लखनऊ के मनकामेश्वर मंदिर में प्रसाद बैन
लखनऊ के मनकामेश्वर मंदिर के गर्भगृह में बाहर से लाए गए प्रसाद को चढ़ाने पर अब रोक लगा दी गई है। मंदिर परिसर में ऐसे पोस्टर लगा दिए गए हैं जिसमें लिखा है कि बाहर का प्रसाद को चढ़ाना मना है।