Shri Ram Mandir:पवित्र पावन भूमि श्री अयोध्या धाम में रामलला के गर्भगृह का प्रथम शिला पूजन बेहद भव्य एवं ऐतिहासिक होगा। इसके लिए प्रशासन एवं राम मंदिर ट्रस्ट एकजुट होकर जुटा है।वर्ष 1990 में श्रीराम जन्म भूमि की कार्यशाला में तराशे गए गर्भगृह के शिला से प्रथम शिला रखी जाएगी। इसके लिए शुभ मुहूर्त में संत और संघ परिवार के पदाधिकारियों की उपस्थिति में वैदिक ब्राह्मण उपस्थित रहेंगे। आगामी 1 जून को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हाथों पहली शिला रखी जाएगी।
अयोध्या धाम में आगामी बुधवार यानी 1 जून को श्रीराम जन्मभूमि के गर्भगृह की प्रथम शिला रखने का पूजन कार्यक्रम होगा। इस दौरान वरिष्ठ संत धर्माचार्यों के साथ ही मंदिर आंदोलन से जुड़े हिंदू संगठनों के पदाधिकारी एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उप मुख्यमंत्री केशवप्रसाद मौर्य और श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के सदस्य, पदाधिकारी उपस्थित रहेंगे।
Shri Ram Mandir: कार्यक्रम को यादगार बनाने में जुटा मंदिर ट्रस्ट
मंदिर ट्रस्ट पूजन कार्यक्रम यादगार बनाने की तैयारी में जुटा हुआ है। मालूम हो कि श्रीराम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर निर्माण को लेकर ट्रस्ट तीव्रता के साथ 24 घंटे सक्रिय है।
लगातार मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र का दिल्ली से अयोध्या दौरा जारी है। वहीं निर्माण कार्यों के प्रत्येक पहलुओं पर ट्रस्ट महासचिव चंपत राय सहित अन्य लोगों के साथ बैठक कर कार्यदायी संस्था को आवश्यक दिशा निर्देश भी दिए जा रहे हैं।
Shri Ram Mandir: गुलाबी बलुआ पत्थरों का हो रहा इस्तेमाल, परिक्रमा मार्ग परकोटा भी होगा खास
राजस्थान के भरतपुर जिले में बंसी-पहाड़पुर क्षेत्र की पहाड़ियों से गुलाबी बलुआ पत्थरों का इस्तेमाल मंदिर निर्माण में किया जा रहा है। मंदिर में करीब 4.70 लाख क्यूबिक फीट नक्काशीदार पत्थरों का इस्तेमाल किया जाएगा। राजस्थान से अयोध्या नक्काशी के पत्थर यहां लाए जा रहे हैं।
मंदिर निर्माण क्षेत्र और उसके प्रांगण के क्षेत्र सहित कुल 8 एकड़ भूमि को घेरते हुए एक आयताकार दो मंजिला परिक्रमा मार्ग परकोटा भी बनेगा। इसे भी बलुआ पत्थर से बनाया जाएगा। यह परकोटा भीतरी भूतल से 18 फीट ऊंचा है। चौड़ाई में 14 फीट होगा। इस परकोटा में भी 8 से 9 लाख घन फीट पत्थर का उपयोग होगा।
Shri Ram Mandir: तीर्थ यात्रियों के लिए खास सुविधा केंद्र बनेगा
प्रथम चरण में एक तीर्थ सुविधा केंद्र लगभग 25,000 तीर्थयात्रियों को आवश्यक सुविधाएं मिलेंगी। इसे पूर्व की दिशा में बनाया जाएगा। इसके साथ ही भगवान वाल्मीकि, केवट, माता शबरी, जटायु, माता सीता, विघ्नेश्वर (गणेश) और शेषावतार (लक्ष्मण) के मंदिर भी यहां बनाए जाएंगे।
Shri Ram Mandir: अयोध्या में उत्तर और दक्षिण की मिलेगी झलक
अयोध्या में बन रहे प्रभु श्रीराम के भव्य मंदिर निर्माण कार्य में तेजी आ रही है।मंदिर के फर्श का निर्माण कार्य जारी है। श्रीराम मंदिर के साथ उत्तर और दक्षिण भारत की परंपरा अयोध्या नगरी में साफ दिखाई देगी।
दक्षिण शैली की झलक के लिए रामजन्मभूमि के कुछ ही दूरी पर श्रीरामलला देवस्थानम मंदिर द्रविड़ शैली में निर्माण किया गया है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ये स्थान प्राचीन और ऐतिहासिक है। माना जाता है कि त्रेता युग में भगवान श्री राम और उनके भाइयों के जन्म होने के बाद इसी स्थान पर उनका नामकरण संस्कार संपन्न कराया गया था। इसलिए आज भी इस स्थान को देवस्थान के नाम से जाना जाता है।
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