Republic Day 2022: राज्यपाल Anusuiya Uikey ने रायपुर में फहराया तिरंगा, कहा- यह दिन प्रत्येक भारतवासी को अपनी पहचान मिलने का दिन है

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Anusuiya Uikey
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Republic Day 2022: देश में आज 73वें गणतंत्र दिवस पर जश्न का माहौल है। इसी कड़ी में छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के पुलिस परेड ग्राउंड में 73वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर राज्यपाल अनुसुईया उइके ने ध्वजारोहण किया। इस अवसर पर राज्यपाल ने प्रदेशवासियों को गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं दी। 73वें गणतंत्र दिवस समारोह के मौके पर तिरंगे को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। इस गार्ड ऑफ ऑनर में बीएसएफ, सीआरपीएफ, सीआईएसएफ, आईटीबीपी, एसएसबी,नगर सेना पुरूष, नगर सेना महिला, बैंड के प्लाटून शामिल थे।

इस मौके पर छत्तीसगढ़ के राज्यपाल उइके ने कहा कि इसी दिन 26 जनवरी 1950 को हमारा गौरवशाली संविधान लागू हुआ था। आज ही के दिन हम भारत के लोगों को अधिकारों की शक्ति मिली थी। इस तरह यह दिन प्रत्येक भारतवासी को अपनी पहचान मिलने का दिन है।

उन्होंने कहा कि हमारे प्रधानमंत्री जी की पहल पर स्वतंत्रता सेनानियों को स्मरण करने के लिए हम आजादी का अमृत महोत्सव पर्व मना रहे हैं। उन्होंने कहा कि नवनिर्माण का पहला सोपान देश को मिली आजादी थी, इसलिए सबसे पहले मैं आजादी दिलाने वाले समस्त महान योद्धाओं को नमन करती हूं। राज्यपाल अनुसुईया उइके ने महापुरूषों को याद करते हुए कहा कि उस पूरी पीढ़ी का पावन स्मरण करती हूं जिन्होंने आजाद देश के लिए नए संविधान और विकास की नई दिशाओं की बुनियाद रखी।

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Anusuiya Uikey बोलीं- सभी को प्रतिष्ठा और अवसर की समानता का अधिकार

राज्यपाल ने कहा कि हमारा संविधान कहता है कि प्रत्येक नागरिक को सामाजिक,आर्थिक और राजनीतिक न्याय, विचार, अभिव्यक्ति, विश्वास, धर्म और उपासना की स्वतंत्रता है। सभी को प्रतिष्ठा और अवसर की समानता का अधिकार है। मैं बड़े ही गर्व के साथ यह कहती हूं कि हमारे संविधान की छत्र-छाया में हमने जिस तरह सात दशकों तक अपने हितों की सुरक्षा पाई, सर्वांगीण विकास किया, भविष्य में भी इसकी छत्र-छाया में हम निरंतर आगे बढ़ेंगे।

छत्तीसगढ़ की राज्यपाल उइके ने कहा कि मेरे प्रिय छत्तीसगढ़वासियों, मैं आप लोगों की प्रतिभा, लगन, निष्ठा, संघर्ष करने की क्षमता और विपरीत परिस्थितियों में भी जीतने की दृढ़ इच्छा-शक्ति से अभिभूत हूं। कोरोना महामारी के लंबे दौर में भी आप लोग मेरी सरकार के कदम से कदम मिलाकर चलते रहे और विश्वव्यापी निराशा के वक्त भी राज्य में आशा के दीपक जलाते रहे। ऐसे संकट के समय राहत और रोजगार के कारगर उपाय करना मेरी सरकार का सबसे बड़ा काम है और मुझे खुशी है कि मेरी सरकार ने अपनी भूमिका का निर्वाह पूरी संवेदनशीलता के साथ करने का प्रयास किया है।

राज्यपाल अनुसुइया उइके कहा कि छत्तीसगढ़ में कृषि के साथ ग्रामीण और वन अंचलों में नए-नए रोजगार के अवसरों की अलख जगाई गई। मेरी सरकार की आकर्षक नीतियों और योजनाओं के कारण परम्परागत किसान और उनकी नई पीढ़ी अब फिर बड़े पैमाने पर खेती-किसानी के काम से जुड़े हैं। सरकारी, अर्द्धसरकारी, औद्योगिक तथा निजी क्षेत्र के दरवाजे नौकरी, रोजगार, स्वरोजगार के लिए खुले।

उन्होंने कहा कि उद्योग तथा कारोबार के क्षेत्र में भी अनेक रियायतें दी गईं। उनहोंने कहा कि जन-सामान्य को भी अनेक तरह की आर्थिक राहत देकर उनकी क्रय शक्ति बढ़ाई गई। इस तरह से प्रदेश में अर्थव्यवस्था को संभाला गया जिसके कारण हर स्तर पर मनोबल मजबूत हुआ है। इन प्रयासों के कारण छत्तीसगढ़ की बेरोजगारी दर तीन साल में दूसरी बार 2 प्रतिशत के निकट पहुंची है। पहले छत्तीसगढ़ की बेरोजगारी दर 22 प्रतिशत से अधिक थी।

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Republic Day 2022: गोधन न्याय योजना के तहत 122 करोड़ का भूगतान

राज्यपाल उइके ने कहा कि गोधन न्याय योजना के तहत गोबर खरीदी का भुगतान 122 करोड़ रुपए से अधिक हो चुका है। राज्यपाल ने कहा कि खाद समस्या के समाधान की दिशा में वर्मी कम्पोस्ट का निर्माण बड़ी भूमिका निभा रहा है। बड़ी संख्या में गौठान आत्मनिर्भर हो रहे हैं। गोबर से नए-नए उत्पादों, प्राकृतिक पेंट और बिजली उत्पादन का प्रयोग भी सफल हुआ है। इससे भूमिहीन तथा साधनहीन परिवारों को रोजगार के नए साधन मिल रहे हैं।

इस काम को आगे बढ़ाने के लिए ‘गोधन न्याय मिशन’ का गठन किया गया है। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के वक्त प्रवासी श्रमिकों की समस्याओं के समाधान के लिए विशेष व्यवस्थाएं करने का वादा मेरी राज्य सरकार ने किया था, जिसे निभाते हुए ‘छत्तीसगढ़ राज्य प्रवासी श्रमिक नीति 2020’ अधिसूचित कर दी गई है। इसके अंतर्गत राज्य स्तरीय मुख्यमंत्री हेल्पलाइन सेंटर का संचालन, ऑनलाइन पंजीयन पंजी का संधारण, विकासखण्ड स्तर पर श्रमिक संसाधन केन्द्र एवं प्रवासी सुविधा केन्द्र का प्रावधान है। 79 हजार से अधिक प्रवासी श्रमिकों का पंजीयन किया जा चुका है।

भारत सरकार ने छत्तीसगढ़ को गोल्ड अवार्ड से नवाजा

राज्यपाल ने कहा कि गौरव का विषय है कि भारत सरकार के प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग द्वारा छत्तीसगढ़ को ई-श्रमिक सेवा के लिए गोल्ड अवार्ड से नवाजा गया है। प्रदेश में पंजीकृत श्रमिकों को सरकारी योजनाओं का पारदर्शी तरीके से लाभ ऑनलाइन तथा डिजिटल माध्यमों से दिलाने के लिए छत्तीसगढ़ को यह उपलब्धि हासिल हुई है। शासन-प्रशासन की नीतियों, योजनाओं और जनहितकारी सुविधाओं को जमीनी स्तर तक पहुंचाने के लिए बड़ी इकाइयों का पुनर्गठन करना बहुत कारगर उपाय माना जाता है। राज्य सरकार ने चार नए जिलों के गठन की घोषणा को अमल में लाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसके अतिरिक्त चार अनुभाग तथा 29 नई तहसीलों का गठन कर दिया है।

उन्होंने कहा कि अधोसंरचना निर्माण के लिए मेरी सरकार ने बहुआयामी प्रयास किए हैं। सड़क अधोसंरचना के विकास के लिए राज्य में 24 हजार करोड़ रुपए से अधिक लागत की कार्ययोजना बनाकर अमल में लाई जा रही है। राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं में लगभग 16 हजार करोड़ रुपए तथा प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में लगभग 8 हजार करोड़ रुपए का निवेश किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत विगत 3 वर्षों में 8 हजार 980 किलोमीटर सड़कों का निर्माण किया गया है। 8 नक्सल प्रभावित जिलों में 4 हजार 472 किलोमीटर सड़कें बनाई गईं।

उइके ने कहा कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के पूर्ण, प्रगतिरत एवं संधारण कार्यों में राष्ट्रीय गुणवत्ता समीक्षकों द्वारा की गई समीक्षा में 99.76 प्रतिशत संतोषप्रद कार्य और इस आकलन में भी देश में अव्वल पाया जाना राज्य की विशेष उपलब्धि है। केन्द्र सरकार ने छत्तीसगढ़ को उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए 2 वर्षों में 271 करोड़ रुपए की प्रोत्साहन राशि दी। बिजली के पारेषण एवं वितरण नेटवर्क के विस्तार और गुणवत्ता वृद्धि से विद्युत आपूर्ति की विश्वसनीयता बढ़ी है। यही वजह है कि राज्य सरकार घरेलू उपभोक्ताओं को हाफ बिजली बिल और कृषि तथा गरीब श्रेणी के उपभोक्ताओं को बड़े पैमाने पर निःशुल्क बिजली देने का अपना वादा पूरा करने में भी सफल रही है।

80 करोड़ रुपए सिंचाई कर किए गए माफ

राज्यपाल ने कहा कि हर उपयोग के लिए पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार ने अनेक बड़े कदम उठाए हैं। वर्ष 2023 तक 29 लाख ग्रामीण घरों में नल से पेयजल पहुंचाने का अभियान गति पकड़ चुका है। सिंचाई हेतु पर्याप्त पानी उपलब्ध कराने की दिशा में व्यावहारिक उपाय किए गए जिसके कारण विगत तीन वर्षों में वास्तविक सिंचाई के रकबे में लगभग 50 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, वहीं नई परियोजनाओं को पूर्ण कर 5 वर्षों में सिंचाई क्षमता दोगुनी करने की कार्ययोजना प्रगति पर है।

किसानों का लंबित सिंचाई कर माफ करने के लिए पहले चरण में 244 करोड़ रुपए माफी की घोषणा की गई और इस वर्ष पुनः 80 करोड़ रुपए सिंचाई कर माफ किए गए। उन्होंने कहा कि जमीन पर अधिकार दिलाने की एक मिसाल वन अधिकार अधिमान्यता पत्र वितरण भी है।

उन्होंने कहा कि मेरी सरकार ने जनसुविधाओं के लिए प्रशासन को संवेदनशील, कारगर और पारदर्शी बनाने हेतु अनेक कदम उठाए हैं। नक्सल प्रभावित अंचलों में भी विकास की रोशनी पहुंची है। उइके ने कहा कि कोरोना महामारी ने एक बार फिर देश और दुनिया के सामने संकट खड़ा कर दिया है। कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करते हुए अपने तथा आसपास के लोगों को संक्रमण से बचाना हम सबकी जिम्मेदारी है।

राज्य सरकार ने अपने स्तर पर उपचार की हर संभव तैयारी की है। मैं अपील करती हूं कि आप सब सावधानी के साथ रहेंगे। उन्होंने कहा कि मुझे खुशी है कि छत्तीसगढ़ में आम जनता का सशक्तीकरण, समृद्धि और खुशहाली तेजी से बढ़ रही है। राज्यपाल ने कहा कि हमारे संविधान और गणतंत्र की मूल भावना के सम्मान की वजह से छत्तीसगढ़ राज्य और यहां के समस्त निवासियों का भविष्य उज्ज्वल है।

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