Delhi: देश की राजधानी में बढ़ते प्रदूषण को लेकर आज (23 अक्टूबर) को दिल्ली सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। दरअसल, दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय के नेतृत्व में एक बैठक की गई। इस दौरान बैठक में एक बार फिर ‘रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ’ अभियान को शुरू करने का फैसला किया गया है। गुरुवार, 26 अक्टूबर से ये कैंपेन शुरू कर दिया जाएगा।
इसकी जानकारी खुद मंत्री गोपाल राय ने दी है। उन्होंने बताया कि बाइकें सबसे अधिक प्रदूषण फैला रही हैं, और मोटरसाइकिल चालकों से अनुरोध किया कि वे अपना “पॉल्यूशन कंट्रोल सर्टिफिकेट” (पीयूसी) अपडेट करवा लें। राय ने आगे कहा कि मेट्रो अधिकारियों को मेट्रो की सेवा बढ़ाने का निर्देश दिया गया है और बसों को भी यही निर्देश दिया गया है।
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Delhi: क्या है ‘रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ’ अभियान?
इस अभियान को सबसे पहले 16 अक्टूबर को साल 2020 में शुरू किया गया था। अब बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए केजरीवाल सरकार ने यह कदम उठाया है। सरकार का मकसद है कि चौराहे पर रेड लाइट होने पर 60 से 90 सेकेंड तक गाड़ियां रुकती है, उस दौरान अगर गाड़ियों का पॉवर ऑफ कर दिया जाए तो निश्चित तौर पर प्रदूषण स्तर में कमी आएगी और ईंधन की बचत भी होगी।
मंत्री गोपाल राय ने मीडिया को जानकारी दी कि दिल्ली में प्रदूषण के 13 हॉटस्पॉट हैं। आज, शादीपुर, मंदिर मार्ग, पटपड़गंज, सोनिया विहार और मोती बाग सहित आठ अन्य सेंटर पर स्थानीय कारणों से AQI स्तर 300 से ऊपर दर्ज किया गया। बताया गया है कि प्रदूषण के स्थानीय स्रोतों की पहचान और निरीक्षण के लिए यहां विशेष टीमें तैनात की जाएंगी।
कैसे लागू होगा अभियान?
इस अभियान को सफल बनाने के लिए दिल्ली के अलग-अलग हिस्सों में सिविल डिफेंस वोलेंटियर्स की तैनाती की जाएगी। वे लोगों को जागरूक करेंगे कि कैसे अपने वाहनों को बंद कर वायु प्रदूषण को कम कर सकते हैं। इन स्वयंसेवकों को दिल्ली के महत्वपूर्ण चौराहों पर तैनात किया जाएगा। ये स्वयंसेवक चौराहों पर वाहन चालकों से रेड लाइट ऑन होने पर गाड़ी बंद करने की अपील करेंगे। स्वयंसेवक हाथों में तख्तियों और बैनरों के माध्यम से सार्वजनिक जागरूकता बढ़ाएंगे।
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