महाराष्ट्र में भारी बारिश लोगों के लिए कहर बन कर आई है। राज्य में 24 घंटे के बीतर भूस्खलन और बाढ़ के कारण 119 लोगों की मौत हो गई है वहीं 99 लोग लापता बताएं जा रहे हैं। कई लोग घायल हैं। महाराष्ट्र के अधिकतर जिले बाढ़ से पीड़ित हैं।
कोंकण के रायगढ़ में सबसे ज्यादा तबाही हुई है। जिले में तीन स्थानों पर भूस्खलन की घटनाएं हुईं। अकेले महाड के तलिये गांव में हुए भूस्खलन से अब तक 52 शव मलबे से निकाले जा चुके हैं और 53 लोग लापता हैं। यहां 33 लोग गंभीर रूप से घायल भी हुए हैं।
कोल्हापुर के 243 गांव, पुणे के 420 गांव, सांगली के 92 गांव और सतारा जिले के 120 गांव बुरी तरह से बाढ़ से प्रभावित हैं। प्रभावित इलाकों में एनडीआरएफ राहत बचाव का काम कर रही है। अब तक 1,35,313 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। इनमें 40,882 लोग कोल्हापुर जिले से हैं।
राज्य आपदा नियंत्रण कक्ष के अनुसार, रायगढ़, रत्नागिरी, सांगली, सतारा, कोल्हापुर, सिंधुदुर्ग और पुणे में अब तक 112 शव मलबे से निकाले गए जबकि 53 लोग गंभीर रूप से घायल हैं।
अधिकारियों से मिली खबर के अनुसार कोल्हापुर शहर के पास पंचगंगा नदी 2019 में आई बाढ़ के स्तर से भी ऊपर बह रही है। पुणे और कोल्हापुर के साथ ही मंडल में सांगली और सतारा जिले भी आते हैं। सांगली में 78000, सतारा में 5656, ठाणे में 6,930 और रायगढ़ जिले में 1000 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर लाया गया है।
बता दें कि राज्य में बारिश से आई आपदा में राहत बचाव के लिए राष्ट्रीय आपदा मोचन बल की 34 टीमें लगाई गई हैं जिसमें से 8 टीमें मुंबई, पुणे और नागपुर में रिजर्व रखी गई हैं।
शनिवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने तलिये गांव का दौरा किया। उन्होंने पीड़ितों को सरकार की तरफ से हर संभव मदद मुहैया कराने का भरोसा दिया है। उन्होंने कहा कि गांव के बचे लोगों का पुनर्वास किया जाएगा। आपने एक बड़ी त्रासदी का सामना किया है, इसलिए अभी आपको बस अपना ख्याल रखने की जरूरत है। बाकी सरकार पर छोड़ दो।