Joshimath Sinking: उत्तराखंड के जोशीमठ में आए संकट के बीच मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भू-धंसाव प्रभावित इलाके का दौरा करने पहुंचे। जोशीमठ में एक ओर जहां लोग भू-धंसाव के कारण अपने घरों को छोड़ने पर मजबूर हो रहे हैं तो वहीं, दूसरी ओर सरकार से उचित मुआवजा न मिलने के कारण लोग काफी नाराज है।
इस मामले को सुलझाने के लिए सीएम धामी जनता के बीच पहुंचे हुए हैं। उन्होंने शहर का जायजा लेने के बाद पीड़ित लोगों के लिए अंतरिम सहायता की घोषणा की और उन्होंने कहा कि हम जोशीमठ के लोगों के साथ खड़े हैं। प्रधानमंत्री स्थिति की निगरानी कर रहे हैं, प्रभावित लोगों के हितों का ध्यान रखा जाएगा।
गौरतलब है कि बुधवार शाम सीएम धामी अपने सारे कार्यक्रमों को स्थगित कर जोशीमठ पहुंचे और राहत शिविरों में लोगों से मुलाकात की। सीएम ने यहां लोगों ने उनका हाल जाना और हर संभव मदद करने का आश्वासन दिया।
Joshimath Sinking: पढ़े अब क्या-क्या हुआ जोशीमठ में….
- मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि तीन हजार प्रभावित परिवारों को कुल 45 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं। उन्होंने कहा कि तात्कालिक तौर पर प्रति परिवार को 1.50 लाख रुपये अंतरिम सहायता दी जा रही है।
- बद्रीनाथ महायोजना की तर्ज पर मुआवजे की रकम की मांग को लेकर अड़े स्थानीय लोगों ने असुरक्षित घोषित की गई इमारतों को तोड़ने की कार्रवाई में बाधा उत्पन्न की है। इसके तहत प्रभावित परिवारों के बीच पैकेट राशि के वितरण और पुनर्वास पैकेज की दर सुनिश्चित करने के लिए चमोली के जिलाधिकारी हिमांशु खुराना की अध्यक्षता में 19 सदस्यीय समिति का गठन किया गया है।
- जोशीमठ से सीएम धामी ने कहा कि असुरक्षित इमारतों में से सिर्फ 2 होटल ही अभी तोड़े जाएंगे और ये भी सबकी सहमति से होगा। उन्होंने कहा कि राहत और पुनर्वास के लिए एक समिति गठित की गई है। जिसमें सभी प्रमुख वर्गों के लोगों को सम्मिलित कर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
- सीएम ने कहा कि आने वाले समय में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के खेलों का आयोजन और चारधाम यात्रा तक इस प्रकार का वातावरण न बन जाए कि पूरा उत्तराखंड खतरे में पड़ जाए। सीएम ने कहा कि जहां भी विकास कार्य हो रहा है, वहां पारिस्थितिकी और अर्थव्यवस्था के बीच संतुलन होना चाहिए।
- सीएम धामी ने कहा कि अंतरिम राहत की घोषणा लोगों को फौरन राहत देने के लिए की गई गै। उन्होंने कहा कि यहां भू-धंसाव के कारण जितना नुकसान होना था, वो हो गया है और आगे अब सब ठीक हो जाएगा।
- बता दें कि जोशीमठ नगर क्षेत्र में 723 भवनों को भू-धंसाव प्रभावित क्षेत्रों के रूप में चिह्नित किया गया है। जिनमें से बुधवार तक 145 परिवारों को अस्थायी राहत शिविरों में विस्थापित किया गया।
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