बडगाम और गांदरबल में से किस सीट का त्याग करेंगे उमर अब्दुल्ला? जानें इन सीटों पर कैसा रहा है उमर और NC का सफर…

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जम्मू-कश्मीर में लगभग एक दशक बाद चुनाव हुए। धारा 370 खत्म होने के बाद हुए इस चुनाव में नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) सबसे बड़ी पार्टी उभरकर सामने आई। मंगलवार (8 अक्तूबर) मतगणना के बाद एनसी-कांग्रेस गठबंधन ने बहुमत का आंकड़ा छू लिया है। इतना ही नहीं केंद्रशासित प्रदेश के मुख्यमंत्री के नाम का चयन भी हो चुका है। चुनावी नतीजे आने के बाद नेशनल कांफ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला ने खुद ऐलान किया कि गठबंधन में बनने जा रही है सरकार में उनके बेटे, उमर अब्दुल्ला मुख्यमंत्री होंगे। अब शायद उमर के मन में मुख्यमंत्री बनने को लेकर भले ही चिंता ना हो लेकिन एक दुविधा अभी भी उनके सामने है। दरअसल, जिन दो सीटों से वे चुनाव जीतें हैं अब उनमें उमर अब्दुल्ला को किसी एक का चुनाव करना पड़ेगा क्योंकि वे एक सीट से ही विधायक रह सकते हैं। वैसे तो उमर और उनकी पार्टी का रिकॉर्ड इन दोनों ही सीटों पर अधिकतर अच्छा ही रहा है। लेकिन समय-समय पर हार का झटका भी मिला है। ऐसे में, ये देखना दिलचस्प होगा कि उमर दोनों में से किस सीट को छोड़ेंगे।

बडगाम से उमर को बड़ी जीत

नेशनल कांफ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने जम्मू-कश्मीर की बडगाम विधानसभा सीट से पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के आगा सैय्यद मुंतजिर मेहदी पर 18 हजार से ज्यादा मतों से जीत हासिल की। अब्दुल्ला को बडगाम में 36,010 वोट मिले, जबकि आगा सैय्यद मुंतजिर मेहदी को केवल 17,525 वोट ही हासिल हुए। बता दें कि लगभग एक दशक पहेल यानी 2014 के विधानसभा चुनाव में भी उमर ने दो सीटों पर चुनाव लड़ा था। उस समय उमर ने श्रीनगर में सोनवार विधानसभा और बडगाम जिले में बीरवाह विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा था। तब उन्हें सोनवर से हार तो बीरवाह सीट से जीत हासिल हुई थी।

बडगाम में NC का प्रदर्शन

जानकारी के मुताबिक, 1962 से लेकर 2024 तक बडगाम सीट पर अब तक 11 बार चुनाव हुए हैं। जिसमें जम्मू कश्मीर नेशनल कांफ्रेस (NC) से अन्य दलों के बीच मुकाबला लगभग एकतरफा रहा है। एनसी के उम्मीदवार ने 10 बार चुनाव जीत है।

गांदरबल SEET से 10 हजार वोटों से जीते उमर

उमर अब्दुल्ला ने गांदरबल विधानसभा सीट से भी बड़े मार्जिन से जीत हासिल की। उन्होंने पीडीपी उम्मीदवार बशीर अहमद मीर को 10 हजार से अधिक वोटों के अंतर से हराया। गांदरबल में अब्दुल्ला को 32,727 वोट मिले जबकि मीर को 22,153 मत मिले। बता दें कि साल 2008 के अंत में हुए विधानसभा चुनाव में उमर ने गांदरबल सीट से ही जीतकर सीएम पद की शपथ ली थी।

गांदरबल में NC का प्रदर्शन

1962 से लेकर 2024 तक गांदरबल सीट पर अब तक 11 बार चुनाव हुए हैं। जिसमें जम्मू कश्मीर नेशनल कांफ्रेस (NC) ने अधिकतर बाजी मारी है। एनसी के उम्मीदवारों ने यहां से 11 में से 8 बार चुनाव में जीत दर्ज की है। 1967-1972 के जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी को यहां जीत हासिल हुई थी। वहीं 2002 के चुनाव में पीडीपी को यहां से जीत नसीब हुई थी। बता दें, उमर अब्दुला ने इस विधानसभा से 2008 में चुनाव जीता और तब प्रदेश मुख्यमंत्री भी बने थे।

चुनाव – उम्मीदवार – पार्टी

1962 – अब्दुल सलाम ऐतू – जम्मू और कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस
1967 – मुहम्मद मकबूल भट्ट – भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
1972 – मुहम्मद मकबूल भट्ट – भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
1977 – शेख मोहम्मद अब्दुल्ला – जम्मू और कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस
1983 – फारूक अब्दुल्ला – जम्मू और कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस
1987 – फारूक अब्दुल्ला – जम्मू और कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस
1996 – फारूक अब्दुल्ला – जम्मू और कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस
2002 – क़ाज़ी मोहम्मद अफ़ज़ल – जम्मू और कश्मीर पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी
2008 – उमर अब्दुल्ला – जम्मू और कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस
2014 – इशफाक अहमद शेख – जम्मू और कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस
2024 – उमर अब्दुल्ला – जम्मू और कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस

‘एक सीट तो को तो छोड़ना ही पड़ेगा’ – उमर अब्दुल्ला

उमर अब्दुल्ला से चुनावी नतीजे आने और सीएम चुने जाने के बाद मीडिया कर्मियों द्वारा पूछा गया कि जिन दोनों सीटों से उन्होंने चुनाव जीता है, उनमें से वे बडगाम से विधायक बने रहेंगे या गांदरबल से, कौन सी सीट छोड़ेंगे? इस पर उमर ने जवाब देते हुए कहा, “मैं बडगाम और गांदरबल, दोनों से ही चुनाव जीता हूं, इनमें से एक को तो मुझे छोड़ना ही पड़ेगा। हालांकि इसपर मैंने अभी कोई फैसला नहीं लिया है। पार्टी के साथ इस विषय पर चर्चा करने के बाद ही मैं इस पर कोई फैसला लूंगा।

जम्मू कश्मीर चुनाव नतीजों का गणित

जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव के लिए 18 सितंबर से 1 अक्टूबर तक 3 फेज में वोटिंग हुई थी। 90 सीटों पर मतगणना के बाद नेशनल कॉन्फ्रेंस को सबसे अधिक 42 सीटों पर जीत हासिल हुई। जबकि बीजेपी 29 सीटें जीतकर दूसरे नंबर रही। वहीं, पडीपी को 3, आप(AAP) को 1, जेपीसी को 1, सीपीआई(एम) को 1 और निर्दलीय उम्मीदवारों को 7 सीटों पर जीत हासिल हुई। केंद्रशासित प्रदेश में अब एनसी-कांग्रेस गठबंधन की सरकार बनने जा रही है।