Allahabad High Court ने 40 लाख रुपये के आयकर वसूली मामले में इलाहाबाद उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन से दायर याचिकाओं को आयकर विभाग को नियमानुसार विचार करने वापस भेज दिया है और उचित आदेश पारित करने के लिए कहा है। यह आदेश न्यायमूर्ति एनए मुनीस और न्यायमूर्ति एसडी सिंह की खंडपीठ ने बार एसोसिएशन की दो याचिकाओं का निपटारा करते हुए दिया है।
बार एसोसिएशन ने याचिका दाखिल कर वर्ष 2016- 17 में आयकर विभाग द्वारा जारी असेसमेंट नोटिस को चुनौती दी थी। इसमें कहा गया की बार एसोसिएशन अपने सदस्यों के आपसी लाभ के लिए कार्य करता है तथा इसकी आमदनी का एकमात्र जरिया फोटो एफिडेविट सेंटर से होने वाली आमदनी और सदस्यता शुल्क है। इसलिए एसोसिएशन आयकर के दायरे में नहीं आएगा।
Court ने आयकर रिटर्न दाखिल करने का दिया निर्देश
कोर्ट ने इस मामले में दोनों पक्षों को सुनने के बाद हाईकोर्ट बार को एक माह के भीतर अपना आयकर रिटर्न दाखिल करने का निर्देश दिया है। आयकर विभाग को निर्देश दिया है कि वह एक सप्ताह के भीतर बार एसोसिएशन को पुनर्मूल्यांकन नोटिस जारी करने का कारण बताएगा। बार एसोसिएशन उस पर अपनी आपत्ति दाखिल करेगा। इसके चार सप्ताह के भीतर आयकर अधिकारी बार एसोसिएशन को सुनकर उसकी आपत्तियों पर सकारण आदेश पारित करेंगे।
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इसी प्रकार से आयकर निर्धारण वर्ष 2017-18 के मामले में कोर्ट ने आयकर आयुक्त को बार एसोसिएशन द्वारा दाखिल पुनरीक्षण अर्जी को सुनकर निर्णय पारित करने का आदेश दिया है। मालूम हो कि आयकर विभाग ने बार एसोसिएशन पर पेनाल्टी लगाई थी। जिसके खिलाफ आयकर आयुक्त के समक्ष रिवीजन दाखिल किया गया । इसी दौरान आयकर अधिकारी ने पेनाल्टी आदेश वापस ले लिया। जबकि फॉर्म 68 पर आपत्ति दाखिल किए बिना पेनाल्टी आदेश वापस नहीं लिया जा सकता है। इस स्थिति में बार एसोसिएशन द्वारा दाखिल पुनरीक्षण अर्जी अर्थहीन हो गई थी। जिसे हाईकोर्ट ने निस्तारित करने का निर्देश दिया। बार एसोसिएशन की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता व बार के अध्यक्ष अमरेंद्र नाथ सिंह, प्रभा शंकर मिश्र व अन्य वकीलों ने पक्ष रखा।