कलकत्ता हाई कोर्ट ने ममता सरकार के उस आदेश को रद्द कर दिया जिसमें उन्होंने मुहर्रम वाले दिन दुर्गा प्रतिमा विसर्जन पर पाबंदी लगा दी थी। हाइकोर्ट ने शासनादेश पर नाराजगी जताते हुए कहा, ऐसे मनमाने आदेश जारी नहीं किए जा सकते।

idol will also immersed on the muharram :Calcutta High Courtकोर्ट ने फैसला सुनाने से पहले कहा कि सरकार लोगों की आस्था में दखल नहीं दे सकती है। बिना किसी आधार के ताकत का इस्तेमाल बिल्कुल गलत है। अदालत ने कहा, ‘सरकार के पास अधिकार हैं, लेकिन वे अधिकार असीमित नहीं हैं। इसलिए बिना किसी आधार के ताकत का इस्तेमाल करना गलत है। कोर्ट ने टिप्पणी की कि किसी चीज पर पाबंदी लगाना आखिरी विकल्प होता है और आखिरी विकल्प का फैसला सबसे बाद में ही करना चाहिए।

इससे पहले बुधवार को भी कलकत्ता हाइकोर्ट ने राज्य सरकार के खिलाफ सख्त टिप्पणी करते हुए कहा था कि आप दो समुदायों के बीच दरार क्यों पैदा कर रहे हैं। दुर्गा पूजा और मुहर्रम को लेकर राज्य में कभी ऐसे हालात नहीं बने। उन्हें सद्भाव के साथ रहने दें और उनके बीच कोई लकीर न खींचें।

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उधर ममता ने भी इस मसले पर अपनी चुप्पी तोड़ते हुए कहा था कि ‘अगर अगर ये तुष्टिकरण है तो मैं जब तक जिंदा हूं तुष्टिकरण करती रहूंगी। अगर कोई मेरे माथे पर बंदूक भी रख दे तब भी मैं यही करूंगी। मैं किसी से भेदभाव नहीं करती। यही बंगाल की संस्कृति है, यही मेरी संस्कृति है।’

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