Hanuman Chalisa: अमरावती की सांसद नवनीत राणा ने अस्पताल से डिस्चार्ज होने के बाद उद्धव ठाकरे को नई चनौती दे डाली। नवनीत राणा ने कहा कि, ‘सीएम में हिम्मत है तो मेरे सामने लड़ कर दिखाएं।’ नवनीत राणा ने अस्पताल प्रशासन पर भेदभाव का आरोप लगाया है। जेल से लेकर हर जगह मेरे साथ अन्याय ही हुआ है।
Hanuman Chalisa: अस्पताल से बाहर निकलने पर नवनीत राणा के हाथ में हनुमान चलीसा
अमरावती से निर्दलीय सांसद नवनीत राणा की तबीयत जेल में खराब होने के कारण उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इलाज के बाद लीलावती अस्पताल से रविवार को नवनीत राणा को डिस्चार्ज कर दिया गया। अस्पताल से निकलते समय उनके हाथों में हनुमान चालीसा की किताब थी। अस्पताल से बाहर आने के बाद मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि वो हनुमान चालीसा पढ़ने के लिए 14 दिन क्या 14 साल जेल में रह सकती हैं।

उन्होंने कहा मैं सीएम उद्धव ठाकरे को चुनौती देती हूं की वे महाराष्ट्र में कहीं से चुनाव लड़ें मैं उनके खिलाफ खड़ी हो होउंगी। नवनीत राणा ने कहा कि वे आने वाले चुनावों में पूरी ताकत के साथ जनता के बीच उतरेंगीं। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में महाराष्ट्र की जनता उद्धव ठाकरे को बताएगी कि हनुमान का नाम और राम का नाम लेने वालों को परेशान करने का क्या नतीजा होता है।

Hanuman Chalisa: नवनीत राणा ने कहा, हम लड़ने के लिए कृतसंकल्प हैं
रविवार को अस्पताल से आने के बाद मुख्यमंत्री पर आरोप लगाते हुए कहा, मुख्यमंत्री हम पर दबाव बना कर कारवाई कर रहे हैं। हम लड़ने के लिए पूरी तरह से कृतसंकल्प हैं। मुख्यमंत्री किसी से नहीं मिलते, राज्य का दौरा नहीं करते, किसी मंत्रालय में नहीं आते। यह कभी पता नहीं चलता कि महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री हैं भी या नहीं। हम एक-दो दिन में पूरी समस्या की रिपोर्ट दिल्ली भेजेंगे।

Hanuman Chalisa:आखिर क्या थी गिरफ्तारी की वजह
बता दें कि नवनीत राणा और उनके पति की गिरफ्तारी 23 मई को हुई थी। सीएम उद्धव ठाकरे के घर हनुमान चालीसा पढ़ने के मामलें में राणा दम्पति की गिरफ्तारी की गई थी। हालांकि राणा दम्पति मुख्यमंत्री के घर के बाहर हनुमान चालीसा पढ़ने में नकामयाब रहे, पुलिस ने उन्हें पहले ही गिरफ्तार कर लिया था।
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