Ghaziabad के Modinagar क्षेत्र में 600 बीघा शत्रु भूमि का एक मामला सामने आया है और तहसील प्रशासन ने इसे गंभीरता से लेते हुए भूमि को चिंहित करने के साथ-साथ नव निर्माण पर रोक लगा दी है। वहीं प्रशासन की इस कार्रवाई से जमीन में दशकों से रह रहे लोगों के सामने आशियानों को बचाने की जद्दोजहद शुरू हो गई है।
गांव वालों का कहना है कि संपत्ति उनके नाम पर है दर्ज
UP के Ghaziabad के ग्राम सीकरी खुर्द के साथ-साथ कुछ ऐसी कालोनियां भी हैं। जो कि जीडीए द्वारा अप्रूव्ड की गई हैं। लोगों का कहना है कि उनके गांव के लोगों ने देश की आजादी में शहादत दी है। तो उनकी भूमि शत्रु भूमि कैसे हो सकती है? बता दें कि गांव वालों का कहना है कि अभी तक संपत्ति के तमाम कागजात उनके नाम पर दर्ज है। जिसे अब तहसील प्रशासन द्वारा शत्रु भूमि में बदला जा रहा है।
Ghaziabad News: क्षेत्र के लोग बहुत आक्रोश में है
प्रशासन की कार्रवाई का विरोध दर्ज करने के लिए क्षेत्र के सैकड़ों लोग तहसील परिसर पहुंचकर उप-जिलाधिकारी शुभांगी शुक्ला को ज्ञापन सौंपा और कार्रवाई पर रोक लगवाने की भी मांग की। मामले को लेकर विरोध कर रहे लोगों से उप-जिला अधिकारी शुभांगी शुक्ला ने बात की और उनसे कहा कि उनके पास केंद्र सरकार द्वारा आदेश आया है। जिसमें उक्त कार्रवाई की गई है और भूमि को चिन्हित करने का काम किया जा रहा है। इससे राज्य सरकार का कोई लेना देना नहीं है।
शत्रु भूमि घोषित किए जाने के कारण क्षेत्र के लोग बहुत आक्रोश में है और उनका कहना है कि 1857 की क्रांति में हमारे यहां के 121 लोगों ने अपनी शहादत दी थी और उसका इनाम हमें हमारी जमीनों को छीन कर दिया जा रहा है। Ghaziabad के प्रशासन की कार्रवाई के बाद यह सवाल उठता है कि क्या दशकों से गांव में रह रहे लोगों को अपना आशियाना छोड़कर जाना पड़ेगा या फिर सरकार द्वारा उन्हें रियायत दी जाएगी।
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