पटना: खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग द्वारा फोर्टिफाइड/फोर्टिफायड चावल की गुणवत्ता नियंत्रण, भंडारण और वितरण प्रणाली को बेहतर बनाने के लिए तीन चरणों में प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। यह आयोजन पूरे राज्य में चरणबद्ध रूप से किया जाएगा, जिसमें विभाग के अधिकारी, उचित मूल्य दुकान संचालक और समुदाय के सदस्य शामिल होंगे।
प्रथम चरण: मास्टर ट्रेनर्स का प्रशिक्षण
21 मार्च से 2 अप्रैल 2025 तक चलने वाले पहले चरण में प्रमंडल स्तर पर सहायक जिला आपूर्ति पदाधिकारी, मार्केटिंग ऑफिसर और आपूर्ति निरीक्षक जैसे अधिकारियों को प्रशिक्षित किया जाएगा। यह प्रशिक्षण मास्टर ट्रेनर के रूप में उनके कार्य को सशक्त बनाएगा।
दूसरा चरण: उचित मूल्य दुकान संचालकों का प्रशिक्षण
प्रशिक्षण के दूसरे चरण में प्रखंड कार्यालयों में उचित मूल्य की दुकानों के मालिकों को चावल के भंडारण और गुणवत्ता से संबंधित जानकारी दी जाएगी। इससे उपभोक्ताओं तक बेहतर और सुरक्षित अनाज की आपूर्ति सुनिश्चित हो सकेगी।
तीसरा चरण: सामुदायिक प्रशिक्षण
5 अप्रैल से 10 अप्रैल 2025 तक आयोजित होने वाले तीसरे चरण में सामान्य समुदाय के सदस्यों को उनके नजदीकी उचित मूल्य की दुकान या स्थल पर प्रशिक्षण दिया जाएगा ताकि फोर्टिफायड चावल की उपयोगिता, पहचान और लाभ की जानकारी आम जनता तक पहुंचे।
जिला स्तर पर भेजा गया निर्देश
इस संबंध में विभाग ने सभी प्रमंडलीय आयुक्तों और जिला पदाधिकारियों को पत्र भेजकर यह सुनिश्चित करने को कहा है कि 21 मार्च से 10 अप्रैल तक तिथिवार रूप से निर्धारित सभी प्रशिक्षण सत्र सफलतापूर्वक आयोजित हों और सभी संबंधित कर्मियों की भागीदारी सुनिश्चित हो।