By: सर्वजीत सोनी | Edited By: उमेश चंद्र
मुंबई स्थित प्रवर्तन निदेशालय (ED), ज़ोन-II ने मंगलवार को गुजरात के 13 स्थानों पर तलाशी अभियान संचालित किए। यह कार्रवाई ₹91 करोड़ के कथित Q-Fon App डिजिटल निवेश घोटाले से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग जांच के अंतर्गत की गई है।
ईडी द्वारा यह छापेमारी अहमदाबाद के 10, सूरत के 3, तथा मुंबई में कुछ परिसरों पर की गई। तलाशी Q-Fon App Limited एवं इसके निदेशकों से संबंधित परिसरों पर की गई, जो कथित रूप से जनता से प्राप्त निवेश की धनराशि को अन्य संस्थाओं के माध्यम से स्थानांतरित करने में संलिप्त थे। यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग निवारण अधिनियम (PMLA), 2002 के प्रावधानों के तहत की गई।
क्या है मामला और जांच का आधार
यह कार्रवाई ठाणे आर्थिक अपराध शाखा (EOW) द्वारा 28 दिसंबर 2024 को दर्ज की गई एफआईआर के आधार पर की गई है। एफआईआर के अनुसार, Q-Fon App Limited एवं उसके निदेशक, जिनमें सुधीर कोटडिया सहित अन्य नाम शामिल हैं, ने एक Ponzi-style डिजिटल निवेश योजना प्रारंभ की थी।
आरोपियों ने निवेशकों को प्रति माह 2% से 10.5% तक के उच्च रिटर्न का प्रलोभन दिया और नकद जमा तथा ऑनलाइन ट्रांसफर के माध्यम से भारी निवेश एकत्र किया। बाद में उक्त राशि विभिन्न फर्जी खातों एवं कंपनियों में ट्रांसफर कर दी गई और आरोपी फरार हो गए।
घोटाले की पृष्ठभूमि
जांच से ज्ञात हुआ है कि इस डिजिटल ठगी की शुरुआत मई 2020 में हुई थी, जब अहमदाबाद में “Digital Investment App” नामक मोबाइल एप लॉन्च किया गया। आरोपियों ने दावा किया कि यह ऐप गूगल प्ले स्टोर (Google Play Store) पर उपलब्ध है और इसके माध्यम से अमेरिकी डॉलर में मासिक लाभ प्राप्त किया जा सकता है। निवेशकों को विश्वास दिलाने हेतु आरोपियों ने यह भी कहा कि उनके ठाणे और मुंबई पुलिस में प्रभावशाली संपर्क हैं।
कंपनी ने निवेश बढ़ाने के लिए ठाणे, मुंबई, पनवेल और अहमदाबाद में कई बैठकें आयोजित कीं। बाद में निवेशकों को यह स्पष्ट हुआ कि यह एक पोंज़ी स्कैम (Ponzi Scam) था, और आरोपी करोड़ों रुपये लेकर फरार हो गए।
प्रमुख आरोपी ठाणे EOW की एफआईआर में जिन व्यक्तियों के नाम सम्मिलित हैं: जय सुखभाई साखिया (उर्फ पटेल), उमंग ठठाडिया, अनंत पटेल, संजयभाई सारथी ठठाडिया, सद्दुभाई दुष्यंतभाई ठठाडिया।
ठाणे EOW ने इस मामले में पराग अशोककुमार शाह, निवासी नारायणगांव (पुणे), को जून 2025 में गिरफ्तार किया था। जांच से संकेत मिले हैं कि शाह ने गुजरात के अन्य व्यापारियों के साथ मिलकर यह डिजिटल निवेश योजना तैयार की थी।
घोटाले का स्वरूप-Q-Fon App एक तथाकथित डिजिटल निवेश प्लेटफ़ॉर्म था, जिसने ऑनलाइन विज्ञापन एवं डॉलर में मासिक लाभ का झांसा देकर सैकड़ों निवेशकों को ठगा। यह मामला महाराष्ट्र एवं गुजरात में सक्रिय डिजिटल वित्तीय धोखाधड़ी नेटवर्क के तेजी से फैलते स्वरूप को उजागर करता है।