Money laundering case में प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (Nationalist Congress Party) के नेता और Maharashtra के पूर्व गृह मंत्री Anil Deshmukh के खिलाफ lookout नोटिस जारी किया है। यह नोटिस 100 करोड़ रुपये के Money Laundering Case के सिलसिले में जारी किया गया है, इस मामले के चलते इसी साल अप्रैल में उन्हें मंत्री पद छोड़ने के लिए मजबूर किया गया था। तभी से देशमुख भारतीय केंद्रीय जांच ब्यूरो (Central Bureau of Investigation) और प्रवर्तन निदेशालय (ED) की जांच के दायरे में है।
मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परम बीर सिंह ने लगाए आरोप
यह विवाद 20 फरवरी को तब सामने आया जब मुबंई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमसिंह (Param Bir Singh) ने अनिल देशमुख पर extortion के गंभीर आरोप लगाए। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्दव ठाकरे (Uddhav Thackeray) को लिखे एक पत्र में सिंह ने देशमुख के इस बयान का खंडन किया था कि उनका तबादला एंटिलिया बम केस (Antilia bomb case) में हुई गंभीर चूक के कारण हुआ था। इसके अलावा, उन्होंने आरोप लगाया था कि NCP नेता ने police inspector सचिन वाजे से मुबंई में 1750 बार, रेस्तारां और अन्य प्रतिष्ठानों से हर महीने 100 करोड़ रूपये की वसूली करने के लिए कहा था।
High Court के निर्देेेश के बाद देशमुख ने इस्तीफा दिया
High Court द्वारा CBI को इन आरोपों की प्रारंभिक जांच करने का निर्देश दिए जाने के बाद, अनिल देशमुख ने महाराष्ट्र के गृह मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था और दिलीप वालसे पाटिल को उनकी जगह मिली।सीबीआई ने 21 अप्रैल को देशमुख और अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 और भारतीय दंड संहिता की धारा 120 के तहत FIR दर्ज की थी। एफआईआर के अनुसार, महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख जानते थे कि निलांबित असिस्टेंट police inspector सचिन वाजे को मुंबई के ज्यादातर सनसनीखेज और महत्वपूर्ण केसों को सौंपा गया था। उन्होंने उनके ऊपर अधिकारियों के स्थानांतरण और पोस्टिंग पर अनुचित प्रभाव डालने और अधिकारियों द्वारा उनके निचले अधिकारियों के काम करने के तारीके में खलल डालने के भी आरोप लगाया।
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ED ने भी देशमुख के खिलाफ ECIR किया दयार
इसके बाद, ED ने 11 मई को अनिल देशमुख के खिलाफ धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत अवैध संपत्ति रखने के लिए एक ECIR दयार किया, जो सीबीआई के द्वारा दर्ज भ्रष्टाचार के मामले पर आधारित था। उन्होंने 26 जून को देशमुख के निजी सचिव संजीव पलांडे और निजी सहायक कुंदन शिंदे को गिरफ्तार किया। राज्य खुफिया आयुक्त (COI) रश्मि शुक्ला ने 25 अगस्त को महाराष्ट्र के डीजीपी सुबोध कुमार जायसवाल को एक पत्र लिखा, जिसमें दलालों के एक नेटवर्क के बारे में बताया था, जो पैसे के बदले पुलिस अधिकारियों को स्थानांतरित करने में शामिल थे।
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