दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को लेकर राज्य सरकार ने सख्त कदम उठाने का फैसला किया है। पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने हाल ही में अधिकारियों के साथ बैठक कर नई योजनाओं की घोषणा की। 1 अप्रैल 2025 से 15 साल पुराने वाहनों को पेट्रोल-डीजल नहीं दिया जाएगा। इसके लिए एक विशेष टीम बनाई जाएगी, जो ऐसे वाहनों की पहचान करेगी और नियमों का सख्ती से पालन कराएगी। सरकार ने यह निर्णय इसलिए लिया है ताकि राजधानी की वायु गुणवत्ता में सुधार किया जा सके और नागरिकों को जहरीली हवा से बचाया जा सके।
दिल्ली में प्रदूषण के मुख्य कारण
पर्यावरण मंत्री ने यह स्पष्ट किया कि दिल्ली में वायु प्रदूषण के तीन मुख्य कारण हैं:
- धूल प्रदूषण – सड़कों पर सफाई के उचित इंतजाम न होने और पानी का छिड़काव न किए जाने के कारण हवा में धूल के कण बढ़ते जा रहे हैं।
- वाहन प्रदूषण – राजधानी में पुराने और डीजल चालित वाहनों के कारण लगातार जहरीला धुआं फैल रहा है।
- निर्माण कार्यों से प्रदूषण – दिल्ली में चल रहे निर्माण कार्यों में उचित सावधानियां नहीं बरती जा रही हैं, जिससे धूल और हानिकारक कण हवा में घुल रहे हैं।
प्रदूषण रोकने के लिए सरकार के सख्त कदम
राज्य सरकार ने वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए कई महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं:
- 1 अप्रैल 2025 से 15 साल पुराने वाहनों को पेट्रोल-डीजल नहीं मिलेगा।
- दिल्ली में भारी वाहनों की एंट्री पर कड़ी निगरानी रखी जाएगी।
- बड़े निर्माण स्थलों पर एंटी-स्मॉग गन लगाना अनिवार्य होगा।
- यूनिवर्सिटी के छात्रों को वृक्षारोपण अभियान से जोड़ा जाएगा।
- दिल्ली में खाली जगहों पर छोटे जंगल विकसित किए जाएंगे।
- औद्योगिक क्षेत्रों में प्रदूषण कम करने के लिए विशेष गैजेट्स लगाने के निर्देश दिए गए हैं।
- क्लाउड सीडिंग तकनीक अपनाई जाएगी, ताकि कृत्रिम बारिश के जरिए प्रदूषण कम किया जा सके।
दिल्ली सरकार का सख्त संदेश
पर्यावरण मंत्री ने कहा कि दिल्ली का 50% प्रदूषण शहर के भीतर ही उत्पन्न होता है, इसलिए इसे कम करने की जिम्मेदारी भी हमारी है। उन्होंने कहा कि जब दिल्ली सरकार अपने स्तर पर प्रदूषण को कम करने में सफल होगी, तभी अन्य राज्यों से भी इस मुद्दे पर सहयोग की अपेक्षा की जाएगी।
सरकार ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे प्रदूषण नियंत्रण अभियान में पूरा सहयोग दें। दिल्ली हर साल सर्दियों में वायु प्रदूषण की गंभीर चपेट में आ जाती है, जिससे सांस संबंधी बीमारियां बढ़ जाती हैं। ऐसे में सरकार के ये नए कदम राजधानी की हवा को स्वच्छ बनाने में अहम भूमिका निभा सकते हैं।