Cruelty on Animals:उत्तराखंड में केदारनाथ यात्रा पिछले 25 अप्रैल से शुरू हुई थी।तब से लेकर अब तक यहां बड़ी संख्या में भक्त पहुंचे और बाबा केदार के दर्शन किए।भक्तों को बाबा केदार के दरबार तक छोड़ने और वापस लाने में सबसे ज्यादा इस्तेमाल घोड़े और खच्चरों का होता है।
जानकारी के अनुसार यात्रा के दौरान अब तक करीब 90 खच्चरों और घोड़ों की जान चली गई है। जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि तक करीब 194 घोड़ों और खच्चरों की मौत हुई थी।मालूम हो कि केदारनाथ यात्रा के दौरान इन घोड़े और खच्चरों का इस्तेमाल सवारियां और सामान ढोने के लिए किया जाता है, लेकिन कहीं न कहीं मानवता का यहां कोई स्थान नहीं बचता।
इन बेजुबान प्राणियों के साथ लगातार हो रही क्रूरता की परवाह न ही राज्य सरकार को है और न ही स्थानीय प्रशासन को। केदारनाथ पैदल यात्रा मार्ग पर इस वर्ष लगभग छहजार घोडे़-खच्चरों का संचालन हो रहा है।हाल ही सोशल मीडिया में इससे जुड़े एक वीडियो ने भी पशु क्रूरता की दर्दनाक दास्तां बयां की।सोशल मीडिया में जारी इस कथित वीडियो में साफ दिखाया गया कि कैसे कुछ लोग घोड़े को जबरन सिगरेट पिला रहे हैं। उनके मुंह में जबरन सिगरेट ठूंसकर नशा करवाया जाता है।

Cruelty on Animals: 213 घोड़ा और खच्चर मालिकों के खिलाफ FIR
Cruelty on Animals:रुद्रप्रयाग के मुख्य पशु चिकित्सा विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार अभी तक अनफिट पाए करीब 350 घोड़ों और खच्चरों को यात्रा मार्ग पर संचालन से प्रतिबंधित किया गया है।
इसके साथ ही करीब 213 घोड़ा और खच्चर मालिकों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की जा चुकीं हैं।पवित्र यात्रा मार्ग पर घोड़ों और खच्चरों के कल्याण के लिए काम किए जा रहे हैं।इनकी मृत्यु दर को कम करने पर फोकस किया जा रहा है।
Cruelty on Animals: डॉक्टर्स को निर्देश

यात्रा मार्ग पर सोनप्रयाग, गौरीकुंड, लिनचोली और केदारानाथ में अभी तक हजारों की संख्या में घोड़े और खच्चरों का इलाज भी किया जा चुका है। इस दौरान डॉक्टर्स को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि कोई भी संचालक लापरवाही न बरते और किसी पशु के साथ क्रूरता न हो।
पशुपालन विभाग की ओर से घोड़ों और खच्चरों को ठंडा पानी से होने वाली परेशानी से बचाने के लिए करीब 18 गीजर लगाकर गर्म पानी का प्रबंध भी किया गया है। इसका जिम्मा खच्चर टास्क फोर्स के जवानों को सौंपा गया है।
संचालकों को पशुओं के वैध पंजीरण और चिकित्सा फिटनेस परीक्षण बिना काम करने की अनुमति नहीं है।जहां पिछली यात्रा सीजन में 8 हजार से अधिक घोड़े-खच्चरों का संचालन होता था, लेकिन इस बार सीमित घोड़े-खच्चरों का संचालन किया जा रहा है।
संबंधित खबरें
- Uniform Civil Code पर सियासी पारा गरमाने के बीच CM Pushkar Singh Dhami पहुंचे दिल्ली, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह से कई मुद्दों पर चर्चा
- Amarnath Yatra 2023: फर्जी रजिस्ट्रेशन से सावधान, यात्रा पैकेज के नाम पर हुई ऑनलाइन ठगी !