CM Arvind Kejriwal on BJP : आज यानी गुरुवार के दिन राजधानी दिल्ली के जंतर-मंतर से भाषण देते हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। सीएम केजरीवाल ने बीजेपी पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) को अपने हथियार के तौर पर इस्तेमाल करने के आरोप लगाए हैं। बता दें कि आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय प्रमुख और दिल्ली सीएम अरविन्द केजरीवाल का यह बयान राज्यों के खिलाफ केंद्र के कथित भेदभाव के विरोध में, केरल सीएम पिनाराई विजयन द्वारा जंतर-मंतर पर बुलाए गए विरोध प्रदर्शन में दिए गए भाषण में आया। इस विरोध प्रदर्शन में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल समेत सीपीआई (एम) नेता सीताराम येचुरी, केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और जेकेएनसी अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला मौजूद रहे।
दिल्ली के सीएम ने कहा कि ऐसा लगता है कि केंद्र सरकार ने राज्यों में मौजूद सरकारों के खिलाफ जंग का ऐलान कर दिया है। वहीं, केरल सरकार का यह आरोप लगाया है कि केंद्र सरकार की फिस्कल पॉलिसीज राज्य को आर्थिक रूप से प्रभावित कर रही हैं।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा, “ईडी अब इनका एक नया हथियार है। अभी तक इस देश में कानून होता था कि किसी व्यक्ति पर दोष साबित होने के बाद ही उसे जेल भेजा जाता था लेकिन अभी उन्होंने (बीजेपी) तय कर लिया है कि किसे जेल भेजना है तो उसे पकड़ लेते हैं और वो तब तक जेल में रहता है जब तक वह निर्दोष साबित नहीं होता। भारत में कई दफा केस 15-15 सालों तक चलते रहते हैं तो इसका मतलब ये है क्या कि एक व्यक्ति 15 वर्षों तक जेल में पड़ा रहे और निर्दोष साबित होने के बाद वापस आए।”
‘सभी को जेल में डालकर सरकार गिरा देंगे’-सीएम केजरीवाल
दिल्ली सीएम ने झारखंड के पूर्व सीएम हेमंत सोरेन की ईडी द्वारा गिरफ्तारी पर बीजेपी को घेरते हुए कहा कि अभी उन्होंने हेमंत सोरेन को जेल में डाल दिया है जबिक अभी तक उनके खिलाफ कुछ भी साबित नहीं हुआ है। कल को ये मुझे भी जेल में डाल सकते हैं, विजयन जी, स्टालिन साहब, सिद्धारमैया साहब सभी को जेल में डालकर सरकार गिरा देंगे।
सीएम केजरीवाल ने अपने भाषण में कहा, ” जंतर मंतर वह जगह है जहां नागरिक विरोध करने आते हैं, लेकिन आज केरल के सीएम को अपना काम छोड़कर यहां आना पड़ा। 70 करोड़ लोगों का प्रतिनिधित्व विपक्षी सरकारें कर रही हैं। क्या आप (केंद्र) इन प्रदेशों (केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक, पंजाब और दिल्ली) के लोगों को अपना नहीं मानते?”
इसके अलावा, विपक्षी पार्टियों केंद्र सरकार पर फंड जारी नहीं करने का आरोप भी लगाए।