Chhattisgarh News: BJP ने लगाया राज्‍य सरकार पर मुआवजा घोटाले का आरोप, राज्यपाल से मुलाक़ात कर करेगी खुलासा

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BJP Leader Chandrashekhar Sahu

Chhattisgarh News: पूर्व कृषि मंत्री Chandrashekhar Sahu एवं किसान मोर्चा प्रदेश उपाध्यक्ष गौरीशंकर श्रीवास (Gaurishankar Srivas) ने प्रेस कांफ्रेंस करके राज्‍य सरकार पर निधाना साधा है। उन्‍होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में सबसे बड़ा मुआवजा घोटाला किया जा रहा है और इस घोटाले की जाँच केन्द्रीय एजेंसी द्वारा की जानी चा‍हिए। पूर्व कृषि मंत्री ने आरोप लगाए कि इस मुआवजा घोटाले के तार सीएम सचिवालय तक जुड़े हुए हैं और भारतीय जनता पार्टी राज्यपाल से मुलाक़ात कर इसका खुलासा करेगी तथा केंद्रीय मंत्रालय में शिकायत करेगी। राज्‍य के अधिकारियों पर भी आरोप लगाते हुए उन्‍होंने कहा कि इस मुआवजा घोटाले में कई पटवारी, RI, तहसीलदार तथा कई IAS अधिकारियों की भी शामिल होने की संभावना है।

पूर्व कृषि मंत्री की प्रेस कांफ्रेंस के मुख्‍य बिंदु

  1. भारत माला सड़क निर्माण एवं रायपुर विशाखापट्नम कॉरिडोर निर्माण हेतु भू अर्जन एवं भूमि स्वामी को मुआवजा देने के लिए 600 करोड़ की राशि वितरित की गई है। यह राशि सड़क परिवहन मंत्रालय के अंतर्गत राष्ट्रीय राजमार्ग विकास प्राधिकरण द्वारा दोनों परियोजना के लिए प्रदान की गई है।
  2. भू-अर्जन एवं मुआवजा वितरण में नियमों को ताक में रखकर पुरानी तिथियों से जमीन का बटांकन एवं नामांतरण की कार्यवाही धड़ल्ले से की गई।
  3. राजस्व नियमों के विपरित अधिसूचना जारी होने के बाद पिछले तिथियों में रातों-रात बटांकन एवं डायवर्सन किया गया, ताकि कुछ चिन्हित हितग्राहियों को 18 गुना अधिक मुआवजा दिया जा सके। इस तरीके से भारत सरकार के राशि को इसी तहसील में लगभग 400 करोड़ से अधिक की राशि का वितरण किया गया जिसमें भू-माफियाओं व अधिकारियों की मिलीभगत से राशि पात्र लोगों तक नहीं पहुंचकर इन लोगों की जेब में गई।
  4. इसके साथ ही निहित स्वार्थ के लिए व्यक्तिगत फायदा पहुंचाने के लिए शासकीय जमीन की भी प्रकरण पूरी तरह से नियमों के विपरित अनुभाग द्वारा किया गया।
  5. यह प्रक्रिया निरंतर जारी है और लगभग 1 हजार करोड़ से अधिक की राशि जमीन की हेराफरी एवं रिकार्ड को परिवर्तित कर जनता एवं केन्द्र के पैसों को चपत लगाने में लगे हैं। यह मामला गंभीर है और भविष्य में रायपुर जिला सहित अन्य जिलों में ऐसे प्रकरण पाये जा सकते हैं जिसकी जांच केन्द्रीय एजेंसी से कराया जाना आवश्यक है क्योंकि केन्द्र सरकार की महत्वकांक्षी योजना के तहत 2 हजार करोड़ से भी अधिक राशि मुआवजा के लिए स्वीकृत की गई।
  6. मुआवजा वितरण में अलग-अलग क्षेत्रों में अलग-अलग मापदंड का पालन किया गया है।
  7. अभी मुआवजा वितरण हितग्राहियों को बिना कमीशन लिये अधिकारियों के द्वारा नहीं दिए जा रहे हैं। अतः निहित स्वार्थ में संलग्न लोगों की बैंक अकाउंट को सीज करके अतिशीघ्र न्याय दिलाया जाये।

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