बिहार के सारण और सिवान जिले में जहरीली शराब पीने से 50 से ज्यादा लोगों की मौत हो गयी है। इस पूरे घटनाक्रम में जहां प्रशासन खामोश है, वहीं स्थानीय लोगों में चर्चा है कि थाने में रखी अवैध शराब को चोरी कर शराब कारोबारियों को बेचा जाता था, जिससे जहरीली शराब पीकर लोगों की मौत हो जाती थी। रिपोर्ट के अनुसार, लोगों का कहना है कि कुछ महीने पहले स्थानीय पुलिस ने भारी मात्रा में अवैध शराब जब्त की थी। हालांकि, जब्त 210 लीटर स्प्रिट से भरा एक ड्रम थाना परिसर से गायब हो गया। फिर इसी से शराब माफियाओं ने जहरीली शराब तैयार की, जिसे पीने के बाद 50 से ज्यादा लोगों की मौत हो गयी है। आइये यहां बताते हैं कि कैसे बनाई जाती है जहरीली शराब:
क्यों शराब हो जाती है जहरीली?
कच्ची शराब को अधिक नशीली बनाने के चक्कर में ये जहरीली हो जाती है। सामान्यत: इसे बनाने में गुड़, शीरा से लहन तैयार किया जाता है। लहन को मिट्टी में गाड़ दिया जाता है। इसमें यूरिया और बेसरमबेल की पत्ती डाला जाता है। शराब को अधिक नशीली बनाने के लिए इसमें ऑक्सीटॉसिन मिला दिया जाता है, जो मौत का कारण बनती है।
कुछ जगहों पर कच्ची शराब बनाने के लिए पांच किलो गुड़ में 100 ग्राम ईस्ट और यूरिया मिलाकर इसे मिट्टी में गाड़ दिया जाता है। यह लहन उठने पर इसे भट्टी पर चढ़ा दिया जाता है। गर्म होने के बाद जब भाप उठती है, तो उससे शराब उतारी जाती है। इसके अलावा सड़े संतरे, उसके छिलके और सड़े गले अंगूर से भी लहन तैयार किया जाता है।
मिथाइल एल्कोल्हल से लोगों की मौत हो जाती है
कच्ची शराब में यूरिया और ऑक्सीटॉसिन जैसे केमिल पदार्थ मिलाने की वजह से मिथाइल एल्कोल्हल बन जाता है, इसकी वजह से ही लोगों की मौत हो जाती है। मिथाइल शरीर में जाते ही केमिकल रिएक्शन तेज होता है, इससे शरीर के अंदरूनी अंग काम करना बंद कर देते हैं। इसकी वजह से कई बार तुरंत मौत हो जाती है। कुछ लोगों में यह प्रक्रिया धीरे-धीरे होती है।
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