भारतीय सेना के अधिकारियों ने कहा कि आर्मी चीफ जनरल मनोज पांडे हाल की हिंसा के मद्देनजर सुरक्षा स्थिति की समीक्षा करने के लिए शनिवार को मणिपुर का दौरा करेंगे। उन्होंने कहा कि स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए किए गए उपायों के बारे में पूर्वी कमान के अधिकारी सेना प्रमुख को जानकारी देंगे।
इस बीच, राज्य में ताजा हिंसा की खबरों के बीच भारतीय सेना और असम राइफल्स ने पूरे मणिपुर में सुरक्षा बढ़ा दी है। सेना ने कहा कि इंफाल पूर्व और चुरचंदपुर में दोनों सुरक्षा टीमों ने दो समुदायों के बीच गोलीबारी की घटनाओं को रोका। जहां कुछ हथियारबंद लोगों ने गोलियां चलाईं और ऊंचे इलाकों की ओर भागे। हालांकि, किसी के हताहत होने की खबर नहीं है और आगे की कार्रवाई जारी है।
मणिपुर हाईकोर्ट द्वारा सरकार को गैर-आदिवासी मेइती समुदाय को अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की 10 साल पुरानी सिफारिश को आगे बढ़ाने का निर्देश देने के कारण मणिपुर में हिंसक सांप्रदायिक झड़पें हुई हैं।
मणिपुर ने इस महीने की शुरुआत में जातीय हिंसा देखी है,जिसमें लगभग 60 लोगों की जान चली गई है। हिंसा के दौरान घरों को भी जलाया गया है और राज्य के कुछ हिस्सों से नई घटनाओं की भी सूचना मिली है।
इससे पहले अतिरिक्त सुरक्षा बलों को राज्य में लाया गया और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPF), मणिपुर पुलिस, मणिपुर राइफल्स, इंडिया रिजर्व बटालियन (IRB) और ग्राम रक्षा बल (VDF) के सुरक्षाकर्मी को 38 संवेदनशील क्षेत्रों में तैनात किया गया।
मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में हथियारबंद उग्रवादियों के खिलाफ अभियान चलाया गया है। उन्होंने कहा कि सभी वर्गों के लोगों के साथ शांति वार्ता करने का प्रयास किया जा रहा है ।
उन्होंने लोगों से अपील की कि वे हिंसक गतिविधियों से दूर रहें और किसी भी अफवाह पर विश्वास न करें। उन्होंने सामान्य स्थिति लाने के लिए सरकार के प्रयासों के प्रति जनता का समर्थन मांगा।
बता दें कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी तीन दिनों के लिए राज्य का दौरा करने वाले हैं। लोगों से शांति बनाए रखने की अपील करते हुए शाह ने गुरुवार को कहा था, “मणिपुर में एक अदालत के फैसले के बाद झड़पें हुईं। मैं दोनों समूहों से अपील करूंगा कि वे शांति बनाए रखें, और सभी के साथ न्याय किया जाएगा। मैं खुद जाऊंगा।”