Ankita Bhandari Case: उत्तराखंड में हुए अंकिता भंडारी हत्याकांड का मुख्य आरोपी पुलकित आर्य के नार्को और पॉलीग्राफ टेस्ट को कोर्ट ने मंजूरी दे दी है। बीजेपी से निष्कासित नेता का बेटा पुलकित जिस पर अंकिता की हत्या का आरोप है, उसका उत्तराखंड में कोटद्वार की फर्स्ट क्लास ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट कोर्ट ने आरोपी पुलकित का 12 जनवरी को नार्को और पॉलीग्राफ टेस्ट कराने की मंजूरी दे दी है।
दरअसल, पौड़ी जिले के कोटद्वार की न्यायिक मजिस्ट्रेट भावना पाण्डेय ने हत्याकांड के अन्य दो आरोपियों सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता के नार्को और पॉलीग्राफी टेस्ट की अर्जी खारिज कर दी थी। बता दें कि ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट की ओऱ से पुलकित आर्य से वीडियो कॉफ्रेंसिंग के जरिए सहमति ली गई, जिसके बाद ये फैसला सुनाया गया।
गौरतलब है कि अंकिता हत्याकांड की जांच कर रहे स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम ने तीनों आरोपियों के नार्को टेस्ट के लिए कोर्ट से अनुमति मांगी थी। इससे पहले इसी हफ्ते अदालत ने अंकिता भंडारी मर्डर के आरोपियों के नार्को और पॉलीग्राफ टेस्ट पर फैसला 5 दिनों के लिए टाल दिया था। बता दें कि आरोपी पुलकित और अन्य साथियों ने नार्को और पॉलीग्राफ टेस्ट से इनकार कर दिया था और कहा था कि उन्हें एसआईटी ने यह नहीं बताया है कि चार्जशीट दाखिल करने के बाद वह नार्को और पॉलीग्राफ टेस्ट क्यों करवाना चाहते हैं।
बता दें कि मामले के आरोपियों के खिलाफ एसआईटी ने 19 दिसंबर को कोर्ट में करीब 500 पन्नों की चार्जशीट दाखिल कर चुकी हैं। इसमें 97 लोगों को गवाल बनाया गया है, इसके अलावा अंकिता की पोस्टमार्टम रिपोर्ट, घटनास्थल के प्राप्त इलेक्ट्रॉनिक सबूतों को एफएसएल टेस्ट के लिए भेजकर मिली रिपोर्ट को भी शामिल किया गया है।
Ankita Bhandari Case: कैसे हुई थी अंकिता की मौत
बता दें कि 19 साल की अंकित भंडारी का शव 24 सितंबर 2022 को ऋषिकेश के चिल्ला नहर से मिला था। पुलिस अधिकारियों को उसका शव मिलने से 6 दिन पहले उसके लापता होने की सूचना मिली थी। अंकिता बीजेपी के निष्कासित नेता विनोद आर्य के बेटे पुलकित आर्य के रिसॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट के रूप में नौकरी करती थी।
गौरतलब है कि पुलकित आर्य और अंकिता के बीच किसी बात को लेकर कहासुनी हो गई थी जिसके बाद पुलकित ने उसे नहर में धक्का दे दिया। इस मामले का खुलासा तक हुआ जब पुलिस ने जांच की। इस केस में अंकित गुप्ता और सौरभ भास्कर को पुलिस ने गिरफ्तार किया और जब दोनों से सख्ती से पूछताछ की गई तो मामले का खुलासा हुआ। उत्तराखंड पुलिस ने 4 दिसंबर 2022 को बयान दिया कि मामले की जांच पूरी हो चुकी है केवल आरोपियों का नार्को टेस्ट करने की प्रक्रिया बाकी है, जिसके लिए उन्होंने कोर्ट से इजाजत मांगी थी।
संबंधित खबरें: