अपने यूपी प्रवास के आखिरी दिन भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने एक अहम बयान देते हुए कहा कि राम मंदिर का निर्माण कानूनी प्रक्रिया या आपसी संवाद से ही संभव होगा। उन्होंने कहा कि एक भव्य राम मंदिर का निर्माण हमेशा से बीजेपी का कोर मुद्दा रहा है और आगे भी रहेगा। हम इससे कभी भी नहीं पीछे हटे हैं। हमने हमारे घोषणा पत्र में हमेशा ही कहा है कि मंदिर निर्माण प्रक्रिया को कानूनी रास्ते या आपसी बातचीत से सुलझाया जाना चाहिए और हम आज भी उस पर कायम हैं।
पत्रकारों से वार्ता करते हुए शाह ने मोदी सरकार के तीन साल की उपलब्धियां भी गिनाईं और यूपीए के 10 साल की सरकार को घोटालों से भरपूर करार दिया। उन्होंने कहा कि बीते 3 सालों में विपक्ष हमारे सरकार पर एक भी भ्रष्टाचार का आरोप नहीं लगा पाई। देश की जनता अब परिवर्तन की बयार को महसूस कर रही है और हम 2019 में भी आसानी से जीतेंगे।
गुजरात राज्यसभा चुनाव को लेकर बीजेपी पर लग रहे आरोपों के जवाब में शाह ने कहा कि कर्नाटक में तो कांग्रेस की ही सरकार है फिर भी कांग्रेस ने अपने विधायकों को बेंगलुरु के कमरों में क्यों बंद कर रखा है? वहीं बिहार के नाटकीय राजनितिक घटनाक्रम पर शाह ने कहा कि हमने कहीं भी किसी भी दल को नहीं तोड़ा है। नीतीश कुमार ने खुद इस्तीफा दे दिया क्योंकि वह भ्रष्टाचारियों के साथ नहीं रहना चाहते थे। बता दें कि विपक्ष बार-बार बीजेपी पर उनके विधायक तोड़ने का आरोप लगा रहा है।
योगी सरकार के तीन महीने हो जाने के बाद भी यूपी में कानून व्यवस्था में खास सुधार न होने के सवाल पर भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि पुरानी सरकार हमें एक जर्जर और भ्रष्ट कानून व्यवस्था दे कर गई थी तो उसे सुधारने में थोड़ा समय लग सकता है। जनता भरोसा रखे, थोड़े समय में उत्तर प्रदेश में भी कानून का राज कायम होगा।’
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि केंद्र में गौ मंत्रालय बनाने को लेकर अभी चर्चा चल रहा है।