Allahabad HC: इलाहाबाद हाईकोर्ट में बीएचयू वाराणसी के लापता छात्र की जांच कर रही सीबीसीआईडी ने कोर्ट में एक रिपोर्ट पेशकर छात्र की मौत की जानकारी दी। विवेचना अधिकारी ने कोर्ट को बताया कि छात्र मानसिक रूप से बीमार था। उसका इलाज चल रहा था।
उसे लंका थाने लाया गया था, वह उसी दिन रात में अचानक कहीं निकल गया और तीसरे दिन एक तालाब के पास लावारिस लाश बरामद हुई। जिसका अंतिम संस्कार कर दिया गया था। फोटो के आधार पर छात्र के पिता ने उसकी शिनाख्त की और डीएनए टेस्ट कराया गया। पता चला कि लावारिस लाश लापता छात्र की ही थी।
Allahabad HC: डीएनए रिपोर्ट हलफनामे के साथ दाखिल करने का निर्देश
मामले में वकील सौरभ तिवारी की तरफ से दाखिल याचिका की सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल तथा न्यायमूर्ति पीयूष अग्रवाल की खंडपीठ ने विवेचना अधिकारी को डीएनए रिपोर्ट हलफनामे के साथ दाखिल करने का निर्देश दिया।
याची को भी सरकारी हलफनामे का जवाब दाखिल करने का समय दिया।याचिका की अगली सुनवाई जुलाई में होगी।
राज्य सरकार की तरफ से अपर शासकीय अधिवक्ता मोहम्मद मुर्तजा ने बताया कि पुलिस अभिरक्षा में मौत के आरोप पूरी तरह से बेबुनियाद हैं। वह मारपीट के कारण नहीं, बल्कि स्वयं मर गया था। हालांकि पुलिस के खिलाफ भी कार्रवाई भी की गई थी।
याची ने सरकार की जानकारी को सही न मानते हुए आपत्ति की थी।मालूम हो कि 13-14 फरवरी 20 की रात लंका थाना पुलिस एक छात्र को पकड़कर थाने लाई थी।उसके बाद से ही वह लापता था।
सरकार की तरफ से कहा गया कि छात्र विक्षिप्त था। थाने से चला गया था। जब कोर्ट ने थाने की फुटेज की बात की तो बताया कि सीसीटीवी कैमरा खराब था।
बीएससी तृतीय वर्ष छात्र शिव कुमार त्रिवेदी को पुलिस द्वारा थाने में लाकर मारपीट कर गायब करने की आशंका को लेकर याचिका दायर की गई थी। कोर्ट के कड़े रूख के बाद अधिकारियों को तलब कर फटकार लगाई और जांच सीबीसीआईडी को सौंप दी गई थी। जिसने लापता छात्र की मौत होने की जानकारी दी।
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