Allahabad HC: इलाहाबाद हाईकोर्ट में सोमवार को नोएडा के बहुचर्चित निठारी कांड की सुनवाई हुई। इस दौरान कोर्ट ने सीबीआई को जवाबी हलफनामे के साथ पोस्टमार्टम रिपोर्ट दाखिल करने के निर्देश दिए। इस मामले में आरोपी सुरेंद्र कोली और सह अभियुक्त मनिंदर सिंह पंढेर की सजा के खिलाफ दायर सभी याचिकाओं पर अगली सुनवाई 3 मार्च को होगी।न्यायमूर्ति मनोज मिश्र और न्यायमूर्ति समीर जैन की खंडपीठ ने कई मामलों में अदालत से फांसी की सजा के खिलाफ सुरेंद्र कोली की अपीलों की सुनवाई की।

Allahabad HC: कोर्ट ने देरी पर जताई नाराजगी
हाईकोर्ट (High Court) ने इससे पहले भी सीबीआई को कई बार समय देकर हलफनामा दाखिल करने के लिए कहा था, लेकिन हलफनामा दाखिल नहीं किया गया। जिस पर कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा कि अगली तारीख तीन मार्च तक आदेश का पालन नहीं किया, तो मामले में सीबीआई के जांच अधिकारी हाजिर होकर देरी का स्पष्टीकरण पेश करेंगे।
सीबीआई कोर्ट सुना चुकी है फांसी की सजा
कोली की तरफ से अर्जी दाखिल कर पिंकी सरकार की पोस्टमार्टम रिपोर्ट पेश करने की मांग की गई है। आरोपी कोली का कहना है कि सीएमएस नोएडा डॉ. विनोद कुमार की देखरेख में किए गए पोस्टमार्टम की जो रिपोर्ट सीबीआई इंस्पेक्टर अजय सिंह को प्राप्त हुई। उसे कोर्ट में पेश किया जाए। सीबीआई के अधिवक्ता ने बताया कि जवाबी हलफनामा का ड्राफ्ट तैयार कर विभाग को भेजा गया है। आरोपी कोली पर कई बच्चियों के साथ दुष्कर्म करने, उनकी हत्या कर खून पीने और मांस खाने का आरोप लगा है। इस मामले में गाजियाबाद स्थित सीबीआई की अदालत ने उसे फांसी की सजा सुनाई है।
क्या है पूरा मामला
नोएडा स्थित निठारी में 9 दिसंबर 2006 को कोठी संख्या डी-6 से पुलिस को 19 बच्चों और महिलाओं के कंकाल बरामद हुए थे। कोठी का मालिक मोनिंदर सिंह पंढेर और उसका नौकर सुरेंद्र कोली यहां रहते थे। आरोप था कि इस कोठी में कोठी में 16 लोगों की हत्या की गई थी। इस मामले में पुलिस ने पंढेर और उसके नौकर सुरेंद्र कोली को गिरफ्तार किया था। तभी से मामला अदालत में चल रहा है।
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