आम आदमी पार्टी में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। दिल्ली की चांदनी चौक विधानसभा सीट से विधायक अलका लांबा की पार्टी नेतृत्व के साथ चल रही अंदरूनी कलह अब खुलकर सामने आ गई है। पार्टी पर निशाना साधते हुए आज अलका लांबा ने कहा है कि मुझे पार्टी छोड़ने के लिए कोई कारण खोजने की जरूरत नहीं है, क्योंकि पहले से ही बहुत कारण मौजूद हैं।
एक खबर को रिट्वीट करते हुए अलका लांबा ने लिखा है, “कारण खोजने की मुझे ही नहीं बल्कि बहुत से दूसरे विधायकों को भी कोई जरूरत नहीं है। पहले से ही बहुत से ऐसे कारण मौजूद होने के बावजूद भी मेरी तरह दूसरे विधायक आज भी पार्टी से जुड़े हुए हैं। इसे ही विधायकों की कमज़ोरी समझा जा रहा है। जनप्रतिनिधि के तौर पर मैं जनता के लिए अपनी सेवाएं जारी रखूंगी।”
वहीं एक न्यूज़ एजेंसी के मुताबिक, आप ने कहा है कि पार्टी विधायक अलका लाम्बा पार्टी छोड़ना चाहती हैं और ऐसा करने के लिए वह वजह तलाश रही हैं। पार्टी की यह प्रतिक्रिया लाम्बा के उस दावे के बाद आई है, जिसमें लाम्बा ने रविवार को कहा था कि आप प्रमुख और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उन्हें ट्विटर पर अनफालो कर दिया है। अलका लाम्बा ने आप नेतृत्व से नाखुशी भी जाहिर की है और पार्टी में अपनी स्थिति को लेकर रुख भी स्पष्ट करने को कहा है।
आप के प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि, “पार्टी की लांबा को निकालने की कोई मंशा नहीं है। एक पार्टी के लिए लोगों को निलंबित करना बहुत सहज है। हमने निलंबन के बाद भी लोगों को वापस लिया है, जब उनमें बदलाव देखा है।” उन्होंने कहा, “आपको पार्टी में निश्चित अनुशासन और शिष्टाचार का पालन करना होता है।” ट्विटर पर अनफालों करने के संदर्भ में उन्होंने कहा कि यह पूरी तरह से मुख्यमंत्री की पसंद है कि वह किसे फालो करना चाहते हैं।
विधायक अलका लांबा का कहना है, “मुझे ऐसा लगता है कि पार्टी अब मेरी सेवा नहीं चाहती। लेकिन जब तक मैं विधायक हूं, अपने क्षेत्र के लोगों के लिए काम करना जारी रखूंगी।” लाम्बा ने कहा कि उन्होंने आप नेतृत्व को एक संदेश भेज कर यह पूछा है कि वह उनके प्रति अपना रूख स्पष्ट करें। उन्होंने दावा किया कि उन्हें पार्टी के सभी आधिकारिक वाट्सएप्प ग्रुप से हटा दिया गया है और केजरीवाल ने रविवार को ट्विटर पर उन्हें अनफॉलो कर दिया।