लोकसभा चुनाव की तैयारियों के बीच उत्तर प्रदेश में राज्य सरकार के करीब 40 लाख कर्मचारी पुरानी पेंशन समेत कई मांगों को लेकर आज बुधवार से हड़ताल पर चले गए हैं, जिसको देखते हुए सरकार ने एस्मा लगा दिया है। मुख्य सचिव अनूप चंद्र पाण्डेय की ओर से जारी किए गए आदेश के तहत एस्मा लगाए जाने के बाद राज्य में अगले 6 महीने तक कोई हड़ताल नहीं की जा सकती।
यूपी की योगी सरकार ने राज्य के लाखों सरकारी कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने के मद्देनजर आवश्यक सेवा अनुरक्षण अधिनियम (एस्मा) लगा दिया है। एस्मा लागू करते हुए सरकार ने सभी विभागों और निगमों में हड़ताल पर अगले छह महीने तक के लिए रोक लगा दी है। मुख्य सचिव अनूप चंद्र पाण्डेय ने इस संबंध में सोमवार रात ही अधिसूचना जारी कर दी थी।
बता दें कि इस महाहड़ताल में करीब 150 संगठनों के 20 लाख से ज्यादा सरकारी कर्मचारी, शिक्षक और अधिकारी पुरानी पेंशन बहाली को लेकर एक हफ्ते के हड़ताल पर हैं। सरकार की ओर से एस्मा लगाए जाने के बावजूद हड़ताल पर गए प्रदेश के तमाम सरकारी कर्मचारियों का वेतन काटा जाएगा।
राज्य सरकार ने सभी जिलों के अधिकारियों को निर्देश दिया कि इस हड़ताल का असर परीक्षा, निर्वाचन और आवश्यक सेवाओं पर बिल्कुल नहीं पड़ना चाहिए। प्रदेश के मुख्य सचिव और अपर मुख्य सचिव (कार्मिक) ने उन सभी कर्मचारी संगठनों के साथ बैठक भी की, जो हड़ताल में शामिल नहीं हैं। सरकार इनका इस्तेमाल कर हड़ताल को बेअसर साबित करना चाहती है।
बता दें कि हड़ताल को देखते हुए लखनऊ जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा के निर्देशानुसार लखनऊ के सभी थाना क्षेत्रों के संबंधित एरिया मजिस्ट्रेटों की ओर से धारा 144 लगा दी गई है। धारा 144 लगाए जाने के बाद अब जिले के किसी भी सवैधानिक संस्था के आसपास किसी भी प्रकार के झंडे और स्पीकर से प्रचार नहीं कर सकते। साथ ही धरना, प्रदर्शन और हड़ताल भी नहीं किया जा सकेगा। प्रशासन को धारा 144 के तहत सख्ती के साथ अनुपालन का निर्देश दिया गया है, साथ ही संवेदनशील जगहों पर ज्यादा चौकसी बरतने को कहा गया है।