बीते 13 अगस्त को जब भारतीय टीम का चयन हुआ तो युवराज सिंह के चयन ना होने पर सबको हैरानी हुई थी। सोशल मीडिया पर युवराज सिंह के प्रशंसकों ने मुख्य चयनकर्ता एमएसके प्रसाद को निशाना भी बनाया था। युवराज सिंह का पिछले दौरा कोई खराब नहीं गया था, इसलिए लोग जानना चाहते थे कि आखिर किस वजह से युवराज सिंह को टीम से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया।
अब इस सवाल का जवाब मिल चुका है। बीसीसीआई सूत्रों के अनुसार ये दोनों खिलाड़ी राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी (एनसीए) में हुए यो-यो बीप टेस्ट में फेल हो गए थे, जिसके कारण इनका चयन टीम इंडिया में नहीं हुआ। आपको बता दें कि टीम के नए कोच रवि शास्त्री, कप्तान विराट कोहली और चयनकर्ता एमएसके प्रसाद खिलाड़ियों के फिटनेस पर काफी जोर दे रहे हैं। उनका लक्ष्य 2019 के विश्व कप के लिए एक ‘फिट टीम इंडिया’ तैयार करना है और इसके लिए वे कोई भी समझौता नहीं करना चाहते हैं।
आखिर क्या है ये यो-यो बीप टेस्ट?
‘यो-यो बीप टेस्ट’ किसी खिलाड़ियों के फिटनेस लेवल चेक करने का एक फिजिकल टेस्ट है। इस टेस्ट में कई ‘कोन्स’ की मदद से 20 मीटर की दूरी पर दो पंक्तियां बनाई जाती हैं। खिलाड़ी को इन दोनों पंक्तियों के बीच लगातार दौड़ना होता है और कोच के बीप बजाने पर मुड़ना होता है। इस टेस्ट में हर एक मिनट पर खिलाड़ी को अपनी दौड़ की रफ्तार बढ़ानी होती है। अगर वह तय समय पर रेखा तक नहीं पहुंच पाता तो उसको इस टेस्ट में फेल माना जाता है। यह पूरी प्रक्रिया साफ्टवेयर पर आधारित होती है जिससे खिलाड़ियों के स्कोर का पता चलता हैं।
इस टेस्ट में हर खिलाड़ी को कम से कम 19.5 या इससे ज्यादा का स्कोर करना होता है, तभी वह फिट माना जाता है। बीसीसीआई सूत्रों के मुताबिक युवराज और रैना ये अंक हासिल करने में असफल रहें। युवराज सिंह ने तो 16 से भी कम का स्कोर किया, इसके कारण वह टीम में जगह नहीं बना सकें।
आपको बता दें कि यो यो टेस्ट में ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर सबसे आगे माने जाते हैं और उनका औसतन स्कोर 21 होता है। भारत के कप्तान विराट कोहली और रविंद्र जाडेजा का स्कोर भी लगभग 21 के करीब आता है। बताया जा रहा है कि युवराज की जगह टीम में शामिल किए गए मनीष पांडेय का स्कोर भी 21 आया था।