बोटिंग और वाटर स्पोर्टस के शौकीनों को अब गोवा या किसी और जगह जाने की जरूरत नहीं है। हालही में कानपुर में गंगा नदी पर ही एक विशेष वाटर स्पोर्टस केंद्र का शुभारंभ किया गया है।ध्यान योग्य है कि देश में मणिपुर के लोकटक लेक के बाद फ्रेश वाटर कानपुर बोट क्लब में ही मिला है। यही वजह है कि यहां दूसरे नंबर का कोर्स तैयार किया गया है। यहां कयाक, कैनो, रोइंग की सभी प्रतियोगिताएं आयोजित करवाई जाएंगी।
वर्ष 1952 में केरल में नेहरू गोल्ड कयाकिंग का पहला आयोजन किया गया था। जहां वहां की पारंपरिक स्नेक बोट का इस्तेमाल हुआ था।यहां सभी 15 तरह की प्रतिस्पर्द्धा हो सकती हैं। बोट क्लब का ट्रायल सफल होने के बाद इसे अब आगामी नौकायन प्रयोगिताओं के लिए खोल दिया जाएगा।

Sports: पहला ट्रायल सफल रहा

कानपुर बोट क्लब को गंगा बैराज में बड़ी ही भव्यता और सुंदरता के साथ तैयार किया गया है।वाटर स्पोर्ट्स को बढ़ावा देने के मकसद से इसे बनाया गया है। यहां पहला ट्रायल भी सफल रहा। इसका लाभ हर जनमानस तक पहुंचे इसलिए इसे अब कयाकिंग एवं कनोइंग समेत अन्य अंडर वाटर स्पोर्ट्स एवं जलक्रीड़ाओं के लिए खोल दिया गया है।
Sports: लव-कुश गंगा बैराज नाम रखने पर किया जा रहा विचार

गंगा बैराज का नाम अभिलेखों में लवकुश गंगा बैराज के नाम से दर्ज है। ऐसे में प्रशासन अब यहां का नाम लव-कुश गंगा बैराज रखने पर विचार कर रहा है। जल्द ही लवकुश की प्रतिमा भी यहां पर स्थापित कराई जाएगी। कानपुर का सबसे ऊंचा राष्ट्रध्वज भी लगाया जाएगा। वाटर स्पोर्ट्स स्टार्ट होने से पहले यहां पर राष्ट्रध्वज लग जाएगा।
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