पाकिस्तान क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान शाहिद अफरीदी के कश्मीर मुद्दे पर दिए बयान की वजह से भारत में चारों तरफ से उनकी आलोचना हो रही है। भारतीय टीम के कई खिलाड़ी उनके इस मुद्दे पर अफरीदी को मुंहतोड़ जवाब दे चुके हैं। बता दें कि अफरीदी ने पहली बार कश्मीर पर बयान नहीं दिया है। इससे पहले भी वह कई बार कश्मीर को लेकर ऐसे बयान दे चुके हैं। कश्मीर को लेकर लगातार बयान देने के पीछे उनका कश्मीर से गहरा रिश्ता है।
शाहिद अफरीदी का चचेरा भाई शाकिब हरकत उल अंसार का आतंकी था। कश्मीर के अनंतनाग इलाके में भारतीय सेना के साथ मुठभेड़ में उसकी मौत हुई थी। सितंबर 2003 में बीएसएफ के हाथों मारे जाने से पहले शाकिब 2 साल तक कश्मीर में आतंक फैला रहा था। शाकिब भी पेशावर से था।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार शाकिब युवाओं को जोड़ने के लिए और अपने आतंकी संगठन को मजबूत करने के लिए शाहिद अफरीदी के नाम का भी इस्तेमाल करता था और अपने रिश्ते के बारे में सबको बताता था। वहीं शाकिब की मौत पर मीडिया के सवाल पर अफरीदी ने कहा था कि उनका परिवार बहुत बड़ा है, कौन चचेरा भाई है और कौन क्या करता है मुझे नहीं पता।
Appalling and worrisome situation ongoing in the Indian Occupied Kashmir.Innocents being shot down by oppressive regime to clamp voice of self determination & independence. Wonder where is the @UN & other int bodies & why aren’t they making efforts to stop this bloodshed?
— Shahid Afridi (@SAfridiOfficial) April 3, 2018
जम्मू कश्मीर में भारतीय सेना ने आतंकरोधी अभियान के तहत 13 आतंकियों को मार गिराया था। अफरीदी ने जम्मू कश्मीर में मारे गए इन 13 आतंकियों के प्रति हमदर्दी जताते हुए ट्वीट किया कि भारत अधिकृत कश्मीर की स्थिति चिंताजनक है। आपको बता दें कि शाहिद अफरीदी ने अपने ट्विटर पर लिखा था कि ‘भारत के कब्जे वाले कश्मीर में स्थिति नाजुक होती जा रही है।’
अफरीदी कबीले ने बोला था हमला
1947 में कश्मीर की रियासत और उसके राजा हरि सिंह के खिलाफ अफरीदी कबीले ने हथियारों के साथ हमला किया था और काफी लूटपाट मचाई थी हिंसा और लूट मचाने वाले इस कबीले के खिलाफ राजा हरि सिंह ने भारत की मदद मांगी थी। इसके बाद मजबूरी में भारत को पाकिस्तान समर्थक इन कबायलियों के खिलाफ अपनी सेना भेजनी पड़ी। अक्टूबर 1947 से शुरू हुए इस संघर्ष का समापन 1 जनवरी 1949 में दोनों देशों के बीच हुए शांति समझौते से हुआ। इस लड़ाई में 6 हजार से अधिक पाकिस्तान समर्थक अफरीदी कबीले के लोगों की भी जान गई थी। शायद हार की वह टीस आज भी अफरीदी कबीले में बाकी है, जिस वजह से शाहिद आफरीदी भी कश्मीर पर बयान देते हैं।