सचिन तेंडुलकर के कोच पद्मश्री और द्रोणाचार्य पुरस्कार से सम्मानित रमाकांत आचरेकर का मुंबई में निधन हो गया। 87 साल के आचरेकर पूर्व भारतीय क्रिकेटर सचिन तेंडुलकर के बचपन के कोच थे। उन्होंने सचिन के अलावा विनोद कांबली, अजित अगरकर, चंद्रकांत पंडित और प्रवीण आमरे समेत कई दिग्गज क्रिकेटरों को भी कोचिंग दी थी। बीसीसीआई ने भी ट्वीट कर रमाकांत आचरेकर के निधन पर शोक व्यक्त किया है। अपने ट्वीट में बीसीसीआई ने लिखा, ‘आचरेकर ने न सिर्फ देश को महान क्रिकेटर दिए बल्कि उन्हें बेहतरीन इंसान भी बनाया। क्रिकेट में उनका योगदान हमेशा याद किया जाएगा।
The BCCI expresses its deepest sympathy on the passing of Dronacharya award-winning guru Shri Ramakant Achrekar. Not only did he produce great cricketers, but also trained them to be fine human beings. His contribution to Indian Cricket has been immense. pic.twitter.com/mK0nQODo6b
— BCCI (@BCCI) January 2, 2019
सचिन ने आचरेकर के निधन पर ट्वीट किया, आप हमेशा हमारे दिलों में रहेंगे। ”स्वर्ग में भी अगर क्रिकेट होगा तो आचरेकर सर उसे समृद्ध कर देंगे। उनके अन्य छात्रों की तरह मैंने भी क्रिकेट की एबीसीडी उनसे ही सीखी। मेरे जीवन में उनका योगदान शब्दों से नहीं बताया जा सकता। आज मैं जहां खड़ा हूं, उसका आधार उन्हीं ने बनाया था। आचरेकर का पूरा नाम रमाकांत विठ्ठल आचरेकर था। उनका जन्म 1932 को मुंबई में हुआ था। वह दादर के शिवाजी पार्क में युवा खिलाड़ियों को कोचिंग देते थे। उनकी प्रसिद्धि सचिन तेंडुलकर के गुरु के तौर पर है। आचेरकर मुंबई क्रिकेट टीम के चयनकर्ता भी रहे।
You’ll always be in our hearts. pic.twitter.com/0UIJemo5oM
— Sachin Tendulkar (@sachin_rt) January 2, 2019
गुरु पूर्णिमा पर सचिन ने आचरेकर के पैर छूते हुए फोटो ट्वीट की थी। सचिन ने लिखा था कि आज गुरु पूर्णिमा है, यह वह दिन है जिस दिन हम उन्हें याद करते हैं, जिन्होंने हमें अपने आप में बेहतर होना सिखाया। आचरेकर सर, मैं आपके बिना ये सब नहीं कर पाता। सचिन ने कोच के साथ तस्वीर भी शेयर की, जिसमें वे अपने गुरु के पैर छूते नजर आ रहे हैं
Today, #GuruPurnima, is the day we remember those who have taught us to be better versions of ourselves. Achrekar Sir, I couldn’t have done all this without you. ? Don’t forget to thank your gurus and take their blessings. #AtulRanade and I just did. pic.twitter.com/FOS64baoB3
— Sachin Tendulkar (@sachin_rt) July 27, 2018
आचरेकर के पुरस्कार और सम्मान
1990 में उन्हें क्रिकेट कोचिंग के लिए द्रोणाचार्य पुरस्कार से सम्मानित किया गया। 2010 में उन्हें तत्कालीन भारतीय राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल द्वारा पद्मश्री से सम्मानित किया गया। 12 फरवरी 2010 को उन्हें भारतीय क्रिकेट टीम के तत्कालीन कोच गैरी कर्स्टन द्वारा ‘लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड’ से सम्मानित किया गया। यह पुरस्कार स्पोर्ट्स इलस्ट्रेटेड द्वारा खेल में विभिन्न श्रेणियों के लिए दिए गए पुरस्कारों का हिस्सा था।
बता दें, कि आचरेकर ने सचिन को तराशने में अहम भूमिका निभाई थी। वो युवा क्रिकेटरों को दादर में मुंबई के शिवाजी पार्क में क्रिकेट के गुर सिखाते थे। क्रिकेट इतिहास के महानतम बल्लेबाजों में शुमार सचिन उनके सबके चहेते शिष्य थे। सचिन ने अपने क्रिकेट करियर की शुरुआत 1989 में की थी और वो अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 100 शतक लगाने वाले दुनिया के पहले बल्लेबाज बने थे। वनडे क्रिकेट में पहली बार दोहरा शतक लगाने वाले बल्लेबाज सचिन ही थे साथ ही वो दुनिया के पहले ऐसे बल्लेबाज थे जिन्होंने 200 टेस्ट मैच खेले थे।