भारतीय क्रिकेट टीम के ऑस्ट्रेलिया रवाना होने से पहले गुरुवार को भारतीय कप्तान विराट कोहली और कोच रवि शास्त्री ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। जिसमें पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए दोनों ने ऑस्ट्रेलिया दौरे के साथ-साथ विश्व कप 2019 के लिए अहम बातें कही।
भारतीय कोच रवि शास्त्री ने कहा कि एकदिवसीय टीम में अब कोई छेड़छाड़ और बदलाव नहीं किया जाएगा क्योंकि दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पांच जून को विश्व कप से पहले अब भारत को सिर्फ 13 मैच और खेलने हैं। शास्त्री ने कहा कि, ‘हम उन 15 खिलाड़ियों को खिलाने का प्रयास करेंगे जो विश्व कप के लिए जाएंगे। अब बदलाव नहीं होंगे। बदलाव का समय खत्म हो गया है।’
वही विराट ने बताया, ‘सबसे ज्यादा ना मुझे कोच से ही सुनने को मिली है, लेकिन ये निजी चीजें होती हैं। ये टीम के एक अंदरूनी माहौल में होती हैं। टीम में हर किसी को अपनी राय रखने की आजादी है। एक दिन मेरा क्रिकेट खत्म हो जाएगा। रवि भाई भी चले जाएंगे। हम सिर्फ एक दी गई जिम्मेदारी के लिए काम करते हैं। हम दोनों, बल्कि हम सभी का एक ही मकसद है कि क्रिकेट को आगे ले जाएं। 2014 में मेरे इंग्लैंड दौरे और 2015 में शिखर धवन को दबाव से बाहर निकालने में शास्त्री का अहम योगदान रहा है। उनके सुझावों पर मैंने टीम में कई अहम बदलाव किए। मैन मैनेजमेंट के मामले में वे लाजवाब हैं।’
विराट ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया में हमारा फोकस बल्लेबाजी पर ज्यादा रहेगा, क्योंकि मौजूदा समय में हमारे गेंदबाज अच्छा परफॉर्म कर रहे हैं। अगर निचले क्रम में ऑलराउंडर रनों से अपना योगदान देने में सफल रहेंगे तो हम किसी भी मैच या सीरीज के नतीजे को बदल सकते हैं। इंग्लैंड में लॉर्ड्स टेस्ट को छोड़ दें तो हमने टुकड़े-टुकड़े में अच्छी बल्लेबाजी की। हां, किसी एक मैच में हमारे बल्लेबाज एक साथ अच्छा नहीं कर पाए।
कोहली ने कहा, ‘मुझे लगता कि यह (छींटाकशी नहीं की नीति) उनका बेहद निजी मामला है, लेकिन जब मैदान पर बहस में शामिल होने या जिसे लोग झगड़ा नाम दे देते हैं, उसकी बात है तो मुझे इस तरह की किसी कहा सुनी के बिना के बिना खेलना अच्छा लगेगा।’ कोहली को एक समय उनके आक्रामक व्यवहार के कारण आलोचना झेलनी पड़ती थी लेकिन उन्होंने कहा कि वह अपने करियर के उस दौर से निकल चुके हैं और एक व्यक्ति के रूप में अधिक परिपक्व हो गए हैं।