IND vs SA 4th T20I Playing 11: भारत और साउथ अफ्रीका के बीच खेली जा रही टी20 सीरीज अपने निर्णायक मोड़ पर पहुंच चुकी है। इकाना स्टेडियम, लखनऊ में होने वाला चौथा टी20 मुकाबला दोनों टीमों के लिए बेहद अहम है, क्योंकि यहां से सीरीज की दिशा तय हो सकती है। ऐसे में भारतीय टीम मैनेजमेंट ने प्लेइंग इलेवन में बड़ा और रणनीतिक बदलाव किया है। सबसे बड़ा नाम है जसप्रीत बुमराह की वापसी, जबकि पिछले मैच में शानदार प्रदर्शन करने वाले तेज गेंदबाज हर्षित राणा को बेंच पर बैठाया जा सकता है।
बुमराह की वापसी क्यों थी जरूरी?
पिछले मुकाबले में बुमराह को वर्कलोड मैनेजमेंट के तहत आराम दिया गया था, लेकिन अब जब सीरीज 2-1 से निर्णायक चरण में है, टीम इंडिया अपने सबसे भरोसेमंद हथियार को बाहर रखने का जोखिम नहीं उठा सकती थी।
बुमराह सिर्फ विकेट लेने वाले गेंदबाज नहीं हैं, बल्कि डेथ ओवर्स में रन रोकने की उनकी क्षमता भारत को बढ़त दिलाती है। लखनऊ की पिच आमतौर पर धीमी रहती है, लेकिन नई गेंद और डेथ ओवर्स में बुमराह जैसे गेंदबाज का होना कप्तान सूर्यकुमार यादव को अतिरिक्त आत्मविश्वास देता है।
हर्षित राणा बाहर, फैसला चौंकाने वाला लेकिन समझने योग्य
पिछले मैच में हर्षित राणा ने कमाल किया था। उन्होंने साउथ अफ्रीका के सलामी बल्लेबाज क्विंटन डी कॉक और खतरनाक डेवल्ड ब्रेविस को आउट कर मैच का रुख भारत की ओर मोड़ दिया था। ऐसे में उनका बाहर होना फॉर्म के आधार पर नहीं, बल्कि कॉम्बिनेशन और कंडीशन आधारित फैसला माना जा रहा है।
इकाना स्टेडियम की पिच पर आमतौर पर स्पिनरों को मदद मिलती है और रन बनाना आसान नहीं होता। ऐसे में टीम मैनेजमेंट ने अतिरिक्त स्पिन विकल्प और अनुभव को प्राथमिकता दे सकती है। हर्षित राणा भविष्य के लिए अहम गेंदबाज हैं, लेकिन इस मुकाबले में अनुभव को तरजीह देना पूरी तरह तार्किक है।
संभावित भारतीय Playing 11 (4th T20I)
- अभिषेक शर्मा
- शुभमन गिल
- सूर्यकुमार यादव (कप्तान)
- तिलक वर्मा
- हार्दिक पंड्या
- शिवम दुबे
- जितेश शर्मा (विकेटकीपर)
- कुलदीप यादव
- वरुण चक्रवर्ती
- अर्शदीप सिंह
- जसप्रीत बुमराह
बेंच:
संजू सैमसन, वॉशिंगटन सुंदर, अक्षर पटेल, हर्षित राणा
गेंदबाजी संतुलन पर फोकस
इस इलेवन में भारत के पास दो मजबूत स्पिन विकल्प (कुलदीप, वरुण) और तीन अनुभवी तेज गेंदबाज (बुमराह, अर्शदीप, हार्दिक) मौजूद हैं। यह संतुलन खासतौर पर लखनऊ जैसी पिच पर बेहद कारगर साबित हो सकता है, जहां बल्लेबाजों को धैर्य की परीक्षा देनी पड़ती है।
सीरीज के लिहाज से कितना अहम है यह मुकाबला?
अगर भारत यह मैच जीतता है तो सीरीज में निर्णायक बढ़त बना सकता है, वहीं हार की स्थिति में दबाव पूरी तरह मेजबान टीम पर आ जाएगा। ऐसे में बुमराह की वापसी सिर्फ एक खिलाड़ी की नहीं, बल्कि भारत की रणनीतिक सोच की वापसी है।
यह बदलाव साफ संकेत देता है कि टीम इंडिया अब प्रयोगों से आगे बढ़कर मैच-विनिंग मोड में आ चुकी है। हर्षित राणा को बाहर रखना कठोर फैसला जरूर है, लेकिन बड़े मैचों में अनुभव अक्सर अंतर पैदा करता है—और यही सोच इस प्लेइंग इलेवन में दिखती है।









