इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज में भारतीय टीम ने बल्ले और गेंद दोनों से दिखाया अपना दम लेकिन यहां यह है सुधार की जरूरत…

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भारत और इंग्लैंड के बीच खेली गई टेस्ट सीरीज का नतीजा ड्रॉ रहा है। जहां पहला और तीसरा टेस्ट इंग्लैंड ने जीता तो वहीं दूसरा और पांचवां टेस्ट भारत के नाम रहा। चौथा टेस्ट ड्रॉ रहा। इस तरह ये सीरीज 2-2 के स्कोर पर ड्रॉ हो गई। भले ही सीरीज ड्रॉ रही लेकिन आखिरी मैच आते आते साफ दिख गया कि मोमैंटम टीम इंडिया के पक्ष में है। इस सीरीज से भारतीय टीम बहुत सकारात्मक महसूस कर रही होगी क्योंकि कुलमिलाकर भारत ने इस सीरीज में बढ़िया प्रदर्शन किया। आइए आपको बताते हैं कि भारत के पक्ष में क्या रहा और कहां उसे सुधार की जरूरत है।

  1. इस सीरीज में भारत के ओपनर्स का प्रदर्शन बहुत बढ़िया रहा। बतौर ओपनर यशस्वी जयसवाल ने दो शतक लगाए और पूरी सीरीज में 411 रन बनाए, वहीं केएल राहुल ने भी दो शतक लगाते हुए सीरीज में 532 रन बनाए।
  2. हालांकि नंबर 3 पर किसे मौका दिया जाए इसे लेकर मंथन अभी जारी रहेगा। साईं सुदर्शन और करुण नायर को मौके मिले लेकिन वे अपने लिए जगह फिक्स कर पाने में कामयाब होते नहीं दिखे। करुण नायर को आगे मौका मिलना मुश्किल नजर आता है। तीसरे क्रम में किसे खिलाया जाए टीम मैनजमेंट को इस पर अच्छे से सोचना समझना होगा।
  3. इस सीरीज में कप्तान शुभमन गिल ने अपनी कप्तानी से दिखा दिया कि टीम इंडिया की कमान सही हाथों में है। उन्होंने न सिर्फ बढ़िया कप्तानी की बल्कि बल्लेबाजी में भी जबरदस्त प्रदर्शन किया। वे मैन ऑफ द सीरीज रहे और पूरी सीरीज में सर्वाधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज रहे। उन्होंने इस सीरीज में कुल 754 रन बनाए। इसमें एक दोहरा शतक और 3 शतक शामिल हैं।
  4. विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत ने भी उपकप्तान के तौर पर अपनी जिम्मेदारी को संभाला और 2 शतकों के साथ 3 अर्धशतक लगाए। उम्मीद है कि वे ठीक होकर जल्द टीम में वापसी करेंगे।
  5. बतौर गेंदबाज रविंद्र जडेजा भले ही इतने न चमक पाएं हों लेकिन उनका बल्ला इस सीरीज में खूब चला, उन्होंने एक शतक और 5 अर्धशतक इस सीरीज में लगाए। ऑलराउंडर के तौर पर उनकी जगह आगे भी पक्की रहेगी। ऐसा ही कुछ वॉशिंगटन सुंदर के मामले में है उन्होंने भी एक अर्धशतक और एक शतक के जरिए अपना असर छोड़ा है। ऑलराउंडर के तौर पर शार्दुल और नीतीश को शायद ही आगे मौका मिले। पंत अगर वापसी करते हैं तो ध्रुव जुरेल के लिए टीम में जगह बनती नहीं दिखती है।
  6. इस सीरीज में भारतीय तेज गेंदबाजों ने दिखा दिया कि वे भी अकेले अपने दम पर विरोधी टीम को मैच हरा सकते हैं। एक मैच को जीतने के लिए 20 विकेट की जरूरत होती है। इस लक्ष्य को हासिल करना भारतीय तेज गेंदबाजों के लिए कोई बड़ी मुश्किल नहीं है। इसे वे आसानी से हासिल कर सकते हैं। इस सीरीज में जसप्रीत बुमराह ने 3 मैच में 14 विकेट लिए वहीं इस सीरीज में 23 विकेट लेकर मोहम्मद सिराज ने अपना जबरदस्त असर छोड़ा है। जो दिखाता है कि अगर बुमराह मौजूद नहीं रहते हैं तो वे अच्छे तरीके से टीम की गेंदबाजी की कमान संभाल सकते हैं। ओवल टेस्ट में तो सिराज अलग ही स्तर की गेंदबाजी करते दिखे। आकाशदीप ने भी 3 मैचों में 13 विकेट लेकर दिखाया कि उनको मौका दिया जाना गलत साबित नहीं होगा। ऐसा ही कुछ प्रसिद्ध कृष्णा के मामले में है जिन्होंने 3 मैचों में 14 विकेट अपने नाम किए।