इंग्लैंड के खिलाफ चौथे T20I में हर्षित राणा का रिप्लेसमेंट सही था? जानें क्या कहता है ICC का कन्कशन सब्सटीट्यूट रूल

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IND VS ENG: भारत बनाम इंग्लैंड टी20आई सीरीज का चौथा टेस्ट शुक्रवार को पुणे में इंग्लैंड के खिलाफ खेला गया। मैच को 15 रनों से जीत कर टीम इंडिया ने सीरीज में 3-1 की अजेय बढ़त बना ली। इस मुकाबले में स्टार ऑल राउंडर शिवम दुबे के सिर में गेंद लगने के बाद हर्षित राणा को बतौर सब्सटीट्यूट खेलने का मौका मिला। जिसके बाद मैदान पर अपना डेब्यू मैच खेलने आए हर्षित ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 3 विकेट भी झटके। हालांकि, खिलाड़ियों की इस अदलबादली (सब्सटीट्यूटशन) पर सोशल मीडिया पर भारतीय टीम पर बेईमानी के आरोप लग रहे हैं। विवाद की जड़ शिवम दुबे की जगह हर्षित राणा को रिप्लेस करना है। आइए 5 पॉइंट्स में जानते हैं कि यह विवाद क्यों हुआ और ICC के कन्कशन सब्सटीट्यूट रूल के अनुसार यह फैसला कितना सही था।

1. क्या है कन्कशन सब्सटीट्यूट रूल?

ICC के कन्कशन सब्सटीट्यूट नियम के अनुसार, यदि कोई खिलाड़ी सिर या गर्दन पर चोट लगने के कारण मैच में आगे नहीं खेल सकता, तो उसे रिप्लेस करने के लिए टीम को “Like-for-Like” (समान कौशल वाले) खिलाड़ी को मैदान में उतारना होगा। इस रिप्लेसमेंट को मैच रेफरी की मंजूरी जरूरी होती है।

नियम कहता है कि यदि कोई बल्लेबाज चोटिल होता है तो उसकी जगह बल्लेबाज ही आएगा, जबकि गेंदबाज की जगह गेंदबाज। इस नियम को लागू करने का उद्देश्य यह है कि टीम को कोई अनुचित लाभ न मिले।

2. शिवम दुबे की जगह हर्षित राणा – क्या सही था यह फैसला?

शिवम दुबे भारतीय टीम के लिए एक ऑलराउंडर की भूमिका निभाते हैं, जो बल्लेबाजी और गेंदबाजी दोनों कर सकते हैं। दूसरी ओर, हर्षित राणा एक फुल-टाइम तेज गेंदबाज हैं। जब शिवम दुबे को चोट लगी, तो उनकी जगह हर्षित राणा को रिप्लेसमेंट के रूप में शामिल किया गया। बता दें कि दुबे ने इंग्लैंड के खिलाफ चौथे टी20 मैच में 53 रनों की विस्फोटक पारी खेली। वहीं, उनकी जगह सब्सटीट्यूट आए हर्षित राणा ने 4 ओवर में गेंदबाजी कर 33 रन दिए और 3 विकेट चटकाए, उन्होंने लियम लिविंग्सटन, जैकब बेथेल और जेमी ओवरटन का विकेट झटका।

हर्षित के अलावा, इस मुकाबले में केवल रवि बिश्नोई ही एकमात्र गेंदबाज रहे जिन्होंने 3 विकेट झटके।

अगर “Like-for-Like” नियम को देखा जाए, तो दुबे की जगह किसी ऑलराउंडर को ही आना चाहिए था। लेकिन भारतीय टीम ने एक विशेषज्ञ तेज गेंदबाज को चुना, जिसने इंग्लैंड के खिलाफ प्रभावी प्रदर्शन किया और 3 विकेट चटकाए। इसी फैसले को लेकर सवाल उठ रहे हैं कि क्या यह ICC नियमों के अनुरूप था।

3. कैसे लागू होता है कन्कशन सब्सटीट्यूट रूल?

  • यदि किसी खिलाड़ी को सिर या गर्दन पर चोट लगती है और वह मैच में आगे नहीं खेल सकता, तो मेडिकल टीम की जांच के बाद कन्कशन रिप्लेसमेंट की मांग की जाती है।
  • रिप्लेसमेंट प्लेयर का चयन “Like-for-Like” नियम के आधार पर किया जाना चाहिए।
  • मैच रेफरी इस अनुरोध की समीक्षा करता है और अगर उसे सही पाता है तो मंजूरी देता है।
  • टीम को किसी भी तरह का अनुचित लाभ न मिले, इसे सुनिश्चित किया जाता है।

4. टीम इंडिया पर बेईमानी के आरोप

सोशल मीडिया पर भारतीय टीम को लेकर कई तरह के आरोप लगाए जा रहे हैं। कुछ प्रशंसकों ने कहा है कि “एक ऑलराउंडर को एक तेज गेंदबाज से रिप्लेस करना नियमों का उल्लंघन है।” कुछ लोगों ने यह भी तर्क दिया कि यह भारतीय टीम द्वारा जानबूझकर किया गया एक रणनीतिक फैसला था, जिससे उन्हें तेज गेंदबाजी में बढ़त मिल सके।

वहीं, कुछ क्रिकेट फैंस ने हेड कोच गौतम गंभीर पर भी निशाना साधा और उन्हें चीटिंग का मास्टरमाइंड बताया। हालांकि, भारतीय क्रिकेट बोर्ड (BCCI) की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।

5. क्या ICC इस मामले में जांच करेगा?

अब सवाल यह उठता है कि क्या ICC इस मामले की जांच करेगा? आमतौर पर, यदि मैच रेफरी ने रिप्लेसमेंट को मंजूरी दी है, तो यह निर्णय नियमों के अनुसार ही माना जाएगा। लेकिन अगर इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड (ECB) या किसी अन्य पक्ष द्वारा औपचारिक शिकायत दर्ज कराई जाती है, तो ICC इस पर पुनर्विचार कर सकता है।

भारतीय टीम ने मैदान पर शानदार प्रदर्शन किया, लेकिन कन्कशन सब्सटीट्यूट के इस विवाद ने उनकी जीत को सवालों के घेरे में डाल दिया है। क्या यह सिर्फ एक रणनीतिक चाल थी या वास्तव में नियमों की अनदेखी की गई? यह देखना दिलचस्प होगा कि ICC इस मामले में कोई आधिकारिक कदम उठाता है या नहीं।