बैन के दो साल बाद महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में लौटी चेन्नई सुपरकिंग्स ने आईपीएल के 11वें संस्करण में धूम मचा रखी है। रविवार को चेन्नई का मुकाबला सराइजर्स हैदराबाद से हुआ इस मैच में चेन्नई सुपरकिंग्स ने 8 विकेट से जीत लिया। इस जीत के साथ चेन्नई सुपरकिंग्स अंकतालिका के लिस्ट में दूसरे नंबर है। वहीं हार के बाद भी सनराइजर्स हैदराबाद अभी भी नंबर एक पर काबिज है। आईपीएल के टॉप चार में अधिकतम चार या फिर पांच टीमें ही पहुंच सकती हैं।
क्रिकेट जानकारों ने टॉप चार की लिस्ट में नंबर दो पर काबिज चेन्नई के पुराने रिकॉर्ड्स को देखते हुए बाकी टीमों की गुंजाइश को तौलना शुरु कर दिया है। चेन्नई सुपरकिंग्स के बारे में ये बात यू हीं नहीं कही जा रही है। इसके पीछे सुपरकिंग्स का पुराना रिकॉर्ड भी गवाह है। 2008 में चेन्नई टॉप चार में पहुंची थी। इसे कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के अनुभवी नेतृत्व का दम ही कहा जाएगा कि सुपरकिंग्स इस सीरीज में फाइनल तक पहुंची थी।
वहीं बात करें 2009 की तो चेन्नई सेमीफाइनलिस्ट भी बना था लेकिन 23 मई को जोहान्सबर्ग में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलोर के खिलाफ खेले गए मैच में चेन्नई को 6 विकेट से हार का सामने करना पड़ा था। इस हार ने सुपरकिंग्स के लिए सीरीज में आगे के दरवाजे बंद कर दिए थे। लेकिन 2010 में महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी से सजी चेन्नई सुपरकिंग्स के सिर पर जीत का सेहरा बंधा। जीत का ये सिलसिला अगले साल 2011 में भी बरकरार रहा। वहीं 2012 और 2013 में चेन्नई फाइनत तक पहुंचने में कामयाब रही। इसके बाद चेन्नई 2014 में भी सेमीफाइनल तक पहुंची। और 2015 में फाइनल में रही और अब आईपीएल के मौजूदा सत्र में चेन्नई टॉप चार में जगह बना चुकी है।
इस आकंडे को देखकर साफ कहा जा सकता है कि इसे कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के कुशल नेतृत्व का नामूना ही कहा जाएगा। इस आईपीएल में धोनी करीब 10 साल पहले वाली फॉर्म में उतरकर मैच खेल रहे हैं। धोनी की इस शानदार फॉर्म को देखकर जहां फैंस खुश है वहीं उनकी ये फार्म विपक्ष के लिए खतरे की घंटी से कम नहीं है।