-दया सागर

ब्लू टाइगर्स के नाम से मशहूर भारतीय फुटबॉल टीम ने अपना शानदार फॉर्म जारी रखते हुए मकाऊ को 4-1 से हरा दिया। इस तरह उसने 2019 में यूएई में होने वाले एएफसी एशिया कप के लिए 6 साल बाद क्वालीफाई कर लिया। इससे पहले भारत ने दोहा 2011 में एशिया कप खेला था, जहां उसे तीनों ग्रुप मैच में हार का सामना करना पड़ा था।

बेंगलुरू के कांतिरावा स्टेडियम में खेले गए एशियाई कप क्वालीफाइंग टूर्नामेंट के इस मैच में भारतीय टीम ने कप्तान सुनील छेत्री की अगुवाई में शानदार खेल का नमूना पेश किया। खेल के 28वें मिनट में जेजे के पास पर राउलिन बोर्जेस ने मैदानी गोल करके भारत को 1-0 की बढ़त दिलाई। हालांकि भारत इस बढ़त को ज्यादा देर तक बरकरार नहीं रख सका और भारत के डिफेंस की खामी का फायदा उठाते हुए मकाऊ के निकोलस टेराओ ने 37वें मिनट में गोल कर स्कोर को बराबरी पर ला दिया।

लेकिन इसके बाद भारत ने खेल का स्तर उठाते हुए विरोधी टीम पर लगातार हमले किए। हाफ टाइम के बाद भारत ने जैकीचंद सिंह की जगह बलवंत सिंह को उतारा जिसका उन्हें फायदा हुआ और खेल के 60वें मिनट में बलवंत सिंह के पास पर कप्तान सुनील छेत्री ने गोल कर भारत को बढ़त दिला दी। बढ़त बनाने के बाद भी भारत ने लगातार हमला करते हुए मकाऊ के डिफेंडरों पर दबाव बनाया। इसी दबाव में मकाऊ के डिफेंडर लाम के सेंग ने गलती करते हुए 70वें मिनट में आत्मघाती गोल कर दिया।

इंजरी टाइम में स्टार स्ट्राइकर जेजे ने भी गोल करते हुए भारत को 4-1 से जीत दिला दी।

मकाऊ पर जीत से भारत के ग्रुप ए में चार मैचों में 12 अंक हो गए हैं और वह एशिया कप के लिए क्वालीफाई करने में सफल रहा। भारत को अब इस टूर्नामेंट में 24 नवंबर को म्यांमार और अगले साल 27 मार्च को किर्गीस्तान से मैच खेलने हैं लेकिन ये दोनों मैच अब महज औपचारिक रह गए हैं।

इससे पहले भारत ने 1964, 1984 और 2011 में एशिया कप के लिये क्वालीफाई किया था। एशिया कप में भारत का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 1964 में देखने को मिला था, जब वह इजरायल में हुए टूर्नामेंट में उप-विजेता बनी थी।