आगामी वनडे वर्ल्ड कप को लेकर रोडमैप को तैयार करने और टी20 वर्ल्ड कप में टीम इंडिया के प्रदर्शन की समीक्षा को लेकर 1 जनवरी 2023 को हुई भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) की बैठक में कई अहम फैसले लिए गए हैं। BCCI ने अपनी बैठक में ज्यादातर फैसले खिलाड़ियों की फिटनेस को लेकर लिए। बैठक के दौरान अब यो-यो टेस्ट और डेक्सा टेस्ट (YoYo and DEXA Test) खिलाड़ियों के राष्ट्रीय टीम में चयन (Selection) के लिए अनिवार्य कर दिया गया है।
YoYo के साथ ही DEXA भी अनिवार्य
हालांकि इससे पहले कोरोना महामरी के चलते यो-यो टेस्ट में खिलाड़ियों के मानसिक स्वास्थ्य को देखते हुए कुछ नरमी बरती गई थी। 2020 से ही टीम चयन के लिए जरूरी इस टेस्ट को लगभग एक तरह से हटा ही दिया गया था। लेकिन 1 जनवरी 2023 को हुई बैठक में अब फिर से यो-यो टेस्ट को अनिवार्य करने के साथ ही डेक्सा (ड्यूअल एनर्जी एक्स-रे एब्जॉर्पटियोमेट्री) को भी लागू कर दिया गया है।
यो-यो टेस्ट क्या है? What is YoYo Test?
डेनमार्क के फुटबॉल फिजियोलॉजिस्ट डॉ जेन्स बैंग्सबो द्वारा 1990 के दशक में पेश किया गया यो-यो टेस्ट एक दोड़ को लेकर टेस्ट होता है, जिसमें दो सेटों के बीच दौड़ लगानी होती है। इन दो सेटों के बीच की दूरी 20 मीटर होती जो करीब-करीब क्रिकेट पिच की लंबाई के बराबर होता है। इस टेस्ट के दौरान खिलाड़ियों को एक सेट से दूसरे सेट तक दौड़ना होता है और फिर दूसरे सेट से पहले सेट तक वापिस आना होता है। अगर कोई खिलाड़ी एक बार इस दूरी को तय करता है तो इसका एक शटल पूरा होता है। YoYo टेस्ट की शुरुआत पांचवें लेवल से होती है जो 23वें लेवल तक चलता रहता है, जिसके तहत हर एक शटल के बाद दौड़ने का समय कम होते रहता है, लेकिन दूरी में कमी नहीं होती। भारत में क्रिकेट खिलाड़ियों को यो-यो टेस्ट में 23 में से 16.5 स्कोर लाना जरूरी होता है।
2017 में हुई थी भारतीय टीम में इंट्री
भारतीय क्रिकेट टीम में YoYo टेस्ट 2017 में जुड़ा था जब तत्कालीन स्ट्रेंथ और कंडीशनिंग कोच शंकर बसु ने इसे भारतीय टीम पर लागू किया था। इसके बाद से ही भारतीय क्रिकेट टीम में यो-यो टेस्ट चर्चा का विषय बना रहा है। आईपीएल के 15वें सीजन से ठीक पहले हार्दिक पंड्या और पृथ्वी शॉ सहित कई भारतीय खिलाड़ियों का यो-यो टेस्ट हुआ था जिसमें पृथ्वी शॉ इस टेस्ट को पास नहीं कर पाये थे।
इससे पहले भी कई खिलाड़ी यो-यो टेस्ट में फेल हो चुके हैं जिनमें युवराज सिंह, सुरेश रैना, अंबाती रायुडू, मोहम्मद शमी, संजू सैमसन जैसे खिलाड़ी भी शामिल थे। अब तो आईपीएल खेलने के लिए भी यो-यो टेस्ट को जरूरी कर दिया गया है, इससक सीधा सा मतलब ये हुआ कि जो खिलाड़ी BCCI के केंद्रीय अनुबंध में हैं, उन्हें यो-यो टेस्ट पास करना ही होगा। अगर ऐसा नहीं हुआ तो वह आईपीएल भी नहीं खेल सकेंगे।
क्या है डेक्सा (DEXA) परिक्षण?
कई साल पहले खिलाड़ियों की फिटनेस को जांचने के लिए स्किनफोल्ड टेस्ट (Skin-fold Test) किया जाता था। लेकिन इसके बाद इसके लिए डेक्सा (DEXA) टेस्ट किया जाने लगा। जिस स्किनफोल्ट टेस्ट को टीम इंडिया ने काफी दिन तक अपनाया उस टेस्ट के बॉडी फैट परसेंटेज का माप सही नहीं था। इसके बाद बॉडी फैट (मोटापा) के ठीक से आकलन के लिए डेक्सा टेस्ट किया जाने लगा। हालांकि, बाद में डेक्सा को भी बंद कर दिया गया लेकिन अब इसकी फिर से वापसी हुई है।
डेक्सा परिक्षण शरीर की संरचना और हड्डियों के स्वास्थ्य को मापने के लिए अंतरराष्ट्रीय मानक है। यह दस मिनट का एक टेस्ट परीक्षण है जो शरीर के फैट यानी मोटापे को मापता है। इससे शरीर में हड्डियों का मास, फैट टिशू और मांसपेशियों के स्वास्थ्य का भी पता लगाया जा सकता है। इसे बोन मिनरल डेंसिटी (बीएमडी) टेस्ट भी कहा जाता है। ज्यादातर इस टेस्ट को हड्डियों की मजबूती को जांचने के लिए करवाया जाता है। इस टेस्ट को ड्यूअल एनर्जी एक्स-रे एब्जॉर्पटियोमेट्री (डेक्सा) मशीन के जरिये किया जाता है।
घरेलू क्रिकेटर्स के लिए भी मापदंड
BCCI ने घरेलू क्रिकेटर्स को भी राष्ट्रीय टीम में चयन के लिए पर्याप्त घरेलु क्रिकेट खेलना अनिवार्य कर दिया है। यानी अब सिर्फ IPL ही राष्ट्रीय टीम में चयन का माध्यम नहीं होगा। टीम में चयन के लिए खिलाड़ियों को पर्याप्त घरेलु क्रिकेट भी खेलना होगा।
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