Vishwakarma Puja 2022: अश्विन माह की कन्या संक्रांति के दिन विश्वकर्मा जयंती मनाई जाती है। इस साल विश्वकर्मा पूजा 17 सितंबर को मनाई जा रही है। इस दिन सृष्टि के पहले शिल्पकार और वास्तुकार भगवान विश्वकर्मा की पूजा की जाती है। इस दिन लोग अपनी संस्थाओं, फैक्ट्रियों और मशीनों की पूजा करते हैं। कई बुनकर, शिल्पकार, व्यापारी काफी धूमधाम से विश्वकर्मा पूजा मनाते हैं और कई लोग भंडारा भी करवाते हैं।

Vishwakarma Puja 2022: शुभ मुहूर्त
- सुबह का मुहूर्त – सुबह 07 बजकर 39- 09 बजकर 11 मिनट तक
- दोपहर का मुहूर्त – 01 बजकर 48 – 03 बजकर 20 मिनट तक
- तीसरा मुहूर्त – दोपहर 03 बजकर 20 – शाम 04 बजकर 52 मिनट तक

Vishwakarma Puja 2022: पूजा सामग्री
- सुपारी, हल्दी, लौंग
- रोली, मौली, अक्षत
- पीला अष्टगंध चंदन
- लकड़ी की चौकी
- पीला कपड़ा
- मिट्टी का कलश
- नवग्रह समिधा, आम की लकड़ी
- जनेऊ, इत्र
- इलायची, सूखा गोला, जटा वाला नारियल
- धूपबत्ती, कपूर, देसी घी, हवन कुण्ड
- फल, मिठाई, दही, फूल

Vishwakarma Puja 2022: महत्व
भगवान विश्वकर्मा को ब्रह्माजी का मानस पुत्र माना जाता है। लोगों के बीच ऐसी मान्यता है कि भगवान विश्वकर्मा की पूजा करने से शिल्पकला का विकास होता है। माना जाता है कि भगवान विश्वकर्मा ने स्वर्ग लोक, सोने की लंका, हस्तिनापुर और द्वारिका का निर्माण किया था। इसलिए इस दिन दुकान, वर्कशाप, फैक्ट्री में यंत्रों और औजारों की पूजा करने से कार्य में कभी कोई रुकावट नहीं आती और तरक्की होती है।
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