Sawan 2022: सावन का दूसरा सोमवार है महत्वपूर्ण, बन रहे हैं कई शुभ संयोग, जानें शुभ मुहूर्त

सावन का दूसरा सोमवार 25 जुलाई को है। इस दिन कई शुभ संयोग बन रहे हैं। इस दिन श्रावण मास की कृष्ण पक्ष की द्वादशी की तिथि रहेगी।

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Sawan 2022: सावन का दूसरा सोमवार है महत्वपूर्ण

Sawan 2022: सावन का पावन माह शुरू हो चुका है। सावन का पहला सोमवार 18 जुलाई को था। ये माह भगवान महादेव को बेहद प्रिय है। यही वजह है बड़ी संख्‍या में भोले के भक्‍त इस माह शिवार्चन से लेकर कांवड़ और व्रत, रूद्राभिषेक और जलाभिषेक करते हैं। ऐसा माना जाता है कि भोले की कृपा जिस भी प्राणी पर हो जाती है। उसका बेड़ा पार लग जाता है। सावन का दूसरा सोमवार 25 जुलाई को है। इस दिन कई शुभ संयोग बन रहे हैं। इस दिन श्रावण मास की कृष्ण पक्ष की द्वादशी की तिथि रहेगी। आइए जानते है सावन के दूसरे सोमवार व्रत के शुभ मुहूर्त के बारे में।

Sawan 2022: जानें क्यों महत्वपूर्ण है सावन का दूसरा सोमवार

सावन का दूसरा सोमवार काफी महत्वपूर्ण है, क्योंकि इस दिन दूसरा सावन सोमवार और प्रदोष व्रत एक ही दिन है। ऐसा माना जाता है इस दिन भगवान शिव से मांगी गई सारी मनोकामना पूर्ण होती है। सावन के दूसरे सोमवार में अगर माह पूरे विधि-विधान के साथ भगवान शिवजी की पूजा करते हैं, तो आपकी भी किस्‍मत जागेगी।

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दूसरा सावन सोमवार व्रत का शुभ मुहूर्त

सावन के दूसरे सोमवार का शुभ मुहूर्त सुबह से लेकर दोपहर 03:04 बजे तक है। पंचांग के अनुसार इस दिन मृगशिरा नक्षत्र देर रात 01:06 बजे तक है।

दूसरा सावन सोमवार व्रत शुभ योग

ब्रह्म मुहूर्त- प्रात: 04:16 से 04:57 तक
प्रातः सन्ध्या- प्रात: 04:36 से 05:38 तक
अभिजित मुहूर्त- दोपहर 12:00 से 12:55 तक
विजय मुहूर्त- दोपहर 02:44 से 03:38 तक
गोधूलि मुहूर्त- शाम 07:03 से 07:27 तक
सायाह्न सन्ध्या- शाम 07:17 से 08:19 तक
अमृत काल- दोपहर 03:10 से 04:58 तक
निशिता मुहूर्त- प्रात: 12:07 से 12:49 तक (26 जुलाई 2022)
सर्वार्थ सिद्धि योग- प्रात: 05:38 से 01:06 तक (26 जुलाई 2022)
अमृत सिद्धि योग- प्रात: 05:38 से 01:06 तक (26 जुलाई 2022)

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जानें क्‍यों भोले के भक्‍त कहते हैं बम-बम ?

शिव पुराण के अनुसार विषपान के बाद बेचैन होकर महादेव के मुख से बारंबार बम-बम का नाम निकला था। इसीलिए भोले के भक्‍त बम-बम भोले और हर-हर महादेव के नामों के जयकारे लगाते हैं। इस उदघोष के साथ ही इंसान के सभी दुखों का अंत माना जाता है।

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