Sawan 2022: सावन का पावन माह आज से शुरू हो चुका है।ये माह भगवान महादेव को बेहद प्रिय है।यही वजह है बड़ी संख्या में भोले के भक्त इस माह शिवार्चन से लेकर कांवड़ और व्रत, रूद्राभिषेक और जलाभिषेक करते हैं।ऐसा माना जाता है कि भोले की कृपा जिस भी प्राणी पर हो जाती है। उसका बेड़ा पार लग जाता है।
सावन के माह में अगर माह पूरे विधि-विधान के साथ भगवान शिवजी की पूजा करते हैं, तो आपकी भी किस्मत जागेगी। आइये बताते हैं किन मंत्रों के शुद्ध उच्चारण मात्र से आपका भाग्य जागने के साथ आपकी मनोकामनाएं भी पूरी होंगी।
पुराणों में बताया गया है कि भोले बाबा अपने नाम के अनुरूप ही हैं। अगर कोई भक्त इन्हें एक लोटा जल चढ़ाता है, तो भोले बाबा प्रसन्न हो जाते हैं। जातक को सुख और आरोग्य देते हैं।
भगवान शिव शाम प्रकृति एवं रुद्रों के लिए भी जाने जाते हैं। देवताओं में शिवजी को एकदम अलग पाया गया है। सृष्टि की उत्पत्ति स्थिति एवं संहार के भी यह आधिपति कहे गए हैं। शिव अनादि तथा सृष्टि प्रक्रिया के आदेश कर्ता हैं। ये कालों के काल महाकाल एवं ज्योतिष शास्त्र के आधार हैं।
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Sawan 2022: यहां जानिये भगवान शिव के महाशक्तिशली मंत्र
जातक को मंत्रोच्चारण करने से पूर्व खुद को शुद्ध करना बेहद जरूरी होता है। ऐसे में प्रातकाल स्नान आदि से निवृत होकर भगवान की शिव की स्तुति करें। मंत्र जाप करते समय उच्चारण हमेशा शुद्ध हो।
इस बात का पूरा ध्यान रखना जरूरी है।अक्सर हड़बड़ी और गलत उच्चारण से कभी अर्थ का अनर्थ होने की संभावना बनी रहती है। ऐसे में बेहतर होगा कि मंत्र का ध्यान से पढ़ें। अन्यथा हिंदी में भी अपनी प्रार्थना कर सकते हैं।
नागेंद्रहाराय त्रिलोचनाय भस्मांग रागाय महेश्वराय
नित्याय शुद्धाय दिगंबराय तस्मे न काराय नम: शिवाय:॥
मंदाकिनी सलिल चंदन चर्चिताय नंदीश्वर प्रमथनाथ महेश्वराय
मंदारपुष्प बहुपुष्प सुपूजिताय तस्मे म काराय नम: शिवाय:॥
शिवाय गौरी वदनाब्जवृंद सूर्याय दक्षाध्वरनाशकाय
श्री नीलकंठाय वृषभद्धजाय तस्मै शि काराय नम: शिवाय:॥
अवन्तिकायां विहितावतारं मुक्तिप्रदानाय च सज्जनानाम्।
अकालमृत्यो: परिरक्षणार्थं वन्दे महाकालमहासुरेशम्।।
- भोले का मूल मंत्र है पंचाक्षरी शिवा मंत्र
ये मंत्र हमारे घर से लेकर बाहर हर व्यक्ति बोल सकता है। पंचाक्षरी मंत्र- ॐ नमः शिवाय होता है। ये संस्कृत भाषा में है। इसका अर्थ होता है कि मैं भगवान शिव को नमन करता हूं। ये शिव मंत्रों में सबसे प्रसिद्ध मंत्र माना जाता है। मान्यता के अनुसार सावन में प्रतिदिन इसका जाप भगवान शिव को जल्द प्रसन्न करता है। शिवरात्रि के दिन इसका 108 बार जप करने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है।
- अकाल मृत्यु से बचाता है महामृत्युंजय मंत्र
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भगवान शिव ही एकमात्र ऐसे देवता माने जाते हैं जोकि अकाल मृत्यु को रोकने की शक्ति रखते हैं। इसीलिए इन्हें महादेव यानी देवों के देव भी कहा जाता है। भोले का महामृत्युंजय मंत्र इस प्रकार है।
ॐ भूः भुवः स्वः ॐ त्रयम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उव्र्वारूकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्।।
ऊॅ स्वः भुवः भूः ऊॅ। ऊॅ सः जूं हौं।।
- नौकरी प्राप्ति के लिए शिव मंत्र
यदि आप रोजगार की कामना से भगवान शिव की पूजा कर रहे हैं। आर्थिक उन्नति और नौकरी प्राप्ति के लिए आप नीचे दिए गए मंत्र को कम से कम 108 बार रोजाना जपें।
विशुद्धज्ञानदेहाय त्रिवेदीदिव्यचक्षुषे।
श्रेय:प्राप्तिनिमित्ताय नम: सोमाद्र्धधारिणे।।
- जानिये आपकी राशि के अनुसार शिव जी का मंत्र
ज्योतिष में वर्णित 12 राशियों के अनुसार शिव मंत्र भी अलग-अलग होते हैं। ऐसे में आप भी अपनी राशि के अनुसार मंत्रोच्चारण कर सकते हैं।
- मेष – ॐ नम: शिवाय।।
- वृष – ॐ नागेश्वराय नमः।।
- मिथुन – ॐ नम: शिवाय कालं महाकाल कालं कृपालं ॐ नम:।।
- कर्क – ॐ चंद्रमौलेश्वर नम:।।
- सिंह – ॐ नम: शिवाय कालं महाकाल कालं कृपालं ॐ नम:।।
- कन्या – ॐ नमो शिवाय कालं ॐ नम:।।
- वृश्चिक – ॐ हौम ॐ जूँ स:।।
- धनु – ॐ नमो शिवाय गुरु देवाय नम:।।
- मकर – ॐ हौम ॐ जूँ स:।।
- कुंभ – ॐ हौम ॐ जूँ स:।।
- मीन – ॐ नमो शिवाय गुरु देवाय नम:।।
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