Pradosh Vrat: आप सभी एकादशी के बारे में तो जानते ही होंगे।ठीक इसी प्रकार प्रदोष व्रत भी रखा जाता है।जिस प्रकार एकादशी व्रत को भगवान विष्णु जी के साथ जोड़ा जाता है, ठीक इसी प्रकार भगवान शिव के पूजन से प्रदोष व्रत का नाता बताया गया है।नववर्ष जनवरी 2023 में ये व्रत कल यानी बुधवार 4 जनवरी 23 को रखा जाएगा।
हिंदू पंचाग के अनुसार हर माह के दोनों पक्षों में पड़ने वाली त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है। इसी प्रकार अलग-अलग दिन पड़ने वाले प्रदोष व्रत की महिमा भी अलग होती है। जैसे सोमवार का प्रदोष, मंगलवार को आने वाला प्रदोष एवं अन्य वार में पड़ने वाला प्रदोष।सभी का महत्व और लाभ अलग होता है।
Pradosh Vrat: जानिए प्रदोष व्रत की कथा
Pradosh Vrat: हिंदू शास्त्रों के अनुसार चंद्रमा को क्षय रोग था।जिससे वह परेशान थे। भगवान शिव ने उस दोष का निवारण कर उन्हें त्रयोदशी के दिन ही पुन जीवन प्रदान किया। इसीलिए इस दिन को प्रदोष कहा जाने लगा। जैसे हर माह की दो एकादशी होती हैं, ठीक उसी प्रकार दो प्रदोष व्रत भी होते हैं। ऐसी मान्यता है कि प्रदोष काल व्रत में सिर्फ हरे मूंग का सेवन करना चाहिए।हरा मूंग पृथ्वी तत्व है और मंदाग्नि को शांत रखता है।
Pradosh Vrat: यहां जानिए अलग वार के अनुसार क्या फल मिलता है प्रदोष व्रत का?
रविवार – इसे भानुप्रदोष या रवि प्रदोष भी कहते हैं। इस दिन नियमपूर्वक व्रत रखने से जातक को सुख, शांति मिलती है। दीर्घायु होते हैं और सूर्य मजबूत होता है।
सोमवार – इस दिन प्रदोष व्रत रखने से मनचाहे फल की प्राप्ति होती है। अगर किसी जातक की कुंडली में चंद्रमा खराब है, तो उसे इस दिन व्रत को पूरे विधि-विधान के साथ करना चाहिए। उसे अपार शांति के साथ अच्छे फल प्राप्त होंगे। कई बार संतान प्राप्ति के लिए भी सोमवार को प्रदोष व्रत करते हैं।
मंगलवार- इसे भौम प्रदोष भी कहते हैं। इस दिन व्रत रखने से स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें समाप्त होती हैं। कर्ज से छुटकारा मिलता है।
बुधवार – इसे सौम्यवारा प्रदोष भी कहा जाता है। यह शिक्षा एवं ज्ञान प्राप्ति के लिए किया जाता है।
गुरुवार – इसे गुरुवारा प्रदोष कहते हैं। इसे करने से पितर प्रसन्न होते हैं।शत्रुओं का नाश होता है और सफलता मिलती है।
शुक्रवार – इसे भ्रुगुवारा प्रदोष के नाम से जाना जाता है। यह जीवन में सौभाग्य लाता है।
शनिवार – इस दिन व्रत रखने से जातक को संतान की प्राप्ति होती है। अक्सर लोगे मनोकामना पूर्ति और नौकरी में पदोन्नति के लिए व्रत रखते हैं।
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