Pitra Paksha 2022: हिंदू धर्म में पितृ पक्ष के हर दिन का विशेष महत्व होता है। पितृ पक्ष एक ऐसा शुभ अवसर होता है जब लोग अपने पूर्वजों के निमित्त पिंडदान, तर्पण और श्राद्ध कर्म करते हैं। पितृ पक्ष भाद्रपद मास की पूर्णिमा से लेकर अश्विन कृष्ण पक्ष की अमावस्या तक चलते हैं। इस साल पितृ पक्ष 10 सितंबर से शुरू होने वाले हैं। पितृ पक्ष की समाप्ति 25 सितंबर को सर्वपितृ अमावस्या के साथ होगी। ऐसी मान्यता है कि पितृ पक्ष के दौरान पूर्वज पितृ लोक से धरती लोक पर पधारते हैं।इस दौरान ये कई माध्यमों में हमें अच्छे-बुरे का संकेत देते हैं। इन्हीं में से कुछ संकेत सपनों के जरिए हमें दिखाई देते हैं।

Pitra Paksha 2022: सपने में पितरों का दिखाई देना कौन-कौन से संकेत देते हैं?
Pitra Paksha 2022: 1 पितरों का प्रसन्न मुद्रा में दिखाई देना-मशहूर ज्योतिष गुरु पंडित सचिन दुबे के अनुसार पितृ पक्ष के दौरान सपने में पूर्वजों को खुश मुद्रा में देखाई देना शुभ संकेत माना जाता है। अगर सपने में आपके पूर्वज आपको आशीर्वाद की मुद्रा में दिखाई दें।इसका मतलब है कि वे आपसे खुश हैं।श्राद्ध पक्ष में किए गए पिंडदान और तर्पण उनके द्वारा स्वीकार कर लिया गया है।
2.पूर्वजों का शांत दिखना- मान्यताओं के अनुसार ऐसे में पितर हमारे किए गए कर्मों पर संतोष प्रकट करते हैं।
- सपने में पूर्वजों को बहुत करीब दिखाई देना- मान्यतानुसार, अगर सपने में पूर्वज बहुत करीब दिखाई देते हैं तो इसका संकेत होता है कि वे अभी भी आपके परिवार का मोह त्याग नहीं कर पाए हैं। ऐसे में सर्वपितृ अमावस्या के दिन पूर्वजों के निमित्त धूप-दीप जलाना चाहिए। साथ ही पिंडदान और तर्पण करना चाहिए।
- सपने में आपको अपने पूर्वज नाराज होते या अत्यधिक गुस्से में नजर आएं- इसका मतलब है कि वे आपसे बेहद दुखी हैं। पितृ दोष जिनकी कुंडली में होता है उनके सपने में यह होता है। यह शुभ नहीं होता है और आपको अपने पितरों को प्रसन्न करने का प्रयास करना चाहिए।
Pitra Paksha 2022: 5 . सपने में पितर यदि आपको मिठाई वितरित करते दिखें- यह शुभ संकेत होता है, इसके दो मतलब होते हैं। पहला यह कि वह आपके कर्मों से बेहद प्रसन्न हैं और दूसरा आपके में मांगलिक कार्य होने वाले हैं। - सपने में आपके पूर्वज चुपचाप बैठे हों, आपसे कुछ मांग रहे हैं- इसका मतलब है कि वे आपसे खुश नहीं हैं। वह आपसे अपना श्राद्ध या तर्पण मांग रहे हैं। श्राद्ध पक्ष में आपको अपने पितरों का श्राद्ध जरूर करना चाहिए।
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