Mokshada Ekadashi 2024: हिंदू धर्म में एकादशी व्रत का विशेष महत्व है, और इनमें से मोक्षदा एकादशी को सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। यह पावन तिथि भगवान विष्णु को समर्पित है और इस दिन व्रत व पूजा करने से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है। साथ ही, श्रीहरि विष्णु के आशीर्वाद से जीवन में धन-संपत्ति और सुख-समृद्धि आती है। 2024 में मोक्षदा एकादशी 10 दिसंबर को मनाई जा रही है। इस खास दिन पर कुछ सरल उपायों को अपनाकर आप भगवान विष्णु को प्रसन्न कर सकते हैं और अपनी सभी इच्छाओं की पूर्ति कर सकते हैं।
Mokshada Ekadashi 2024: मोक्षदा एकादशी का महत्व
मोक्षदा एकादशी का धार्मिक महत्व गीता जयंती से जुड़ा हुआ है। मान्यता है कि इसी दिन भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को महाभारत के युद्ध में गीता का उपदेश दिया था। इस दिन व्रत रखने और श्रीहरि की पूजा-अर्चना से व्यक्ति के पाप समाप्त होते हैं और आत्मा को मुक्ति मिलती है।
Mokshada Ekadashi 2024: मोक्षदा एकादशी के शुभ उपाय
श्रीहरि को तुलसी दल चढ़ाएं
इस दिन भगवान विष्णु को तुलसी के पत्ते अर्पित करें। माना जाता है कि तुलसी बिना उनकी पूजा अधूरी रहती है। इससे जीवन में शुभता आती है और आर्थिक परेशानियां समाप्त होती हैं।
विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें
मोक्षदा एकादशी पर विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करना अत्यंत फलदायी माना जाता है। इससे श्रीहरि प्रसन्न होकर व्यक्ति के जीवन से दुख और कष्ट दूर करते हैं।
गाय को हरा चारा खिलाएं
इस दिन गाय को हरा चारा या गुड़ खिलाने से भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त होता है। यह उपाय धन और समृद्धि में वृद्धि के लिए बहुत शुभ माना गया है।
दान-पुण्य करें
इस दिन जरूरतमंदों को भोजन, वस्त्र और धन का दान करें। इससे न केवल पुण्य की प्राप्ति होती है, बल्कि जीवन में सुख-समृद्धि का वास होता है।
गंगाजल से अभिषेक करें
भगवान विष्णु की मूर्ति या चित्र पर गंगाजल से अभिषेक करें। इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और हर क्षेत्र में उन्नति होती है।
एकादशी व्रत रखें
व्रत रखना मोक्षदा एकादशी का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है। इस दिन अन्न का त्याग कर फलाहार करें और भगवान विष्णु का ध्यान करें।
Mokshada Ekadashi 2024: मोक्षदा एकादशी का पूजा विधि
- सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- पूजा स्थल को गंगाजल से शुद्ध करें।
- भगवान विष्णु की मूर्ति को स्नान कराएं और वस्त्र पहनाएं।
- श्रीहरि को फूल, अक्षत, तुलसी, फल और मिठाई अर्पित करें।
- दीपक जलाकर विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें।
- अंत में आरती करें और परिवार सहित प्रसाद ग्रहण करें।