Janmastami 2022: कान्हा की नगरी मथुरा इस जन्माष्टमी पूरी तरह से श्रद्धालुओं से पैक रहने वाली है। दरअसल ठाकुर जी के जन्मदिन के मौके पर लाखों की संख्या में श्रद्धालु ब्रज की पावन भूमि पर पहुंचने वाले हैं। पिछले 2 वर्षों से कोविड की मार के चलते जन्माष्टमी पर श्रद्धालुओं की संख्या में कमी आई थी। लेकिन इस बार श्रीकृष्ण जन्माष्टमी 2022 को लेकर फिर टूर एंड ट्रेवल्स इंडस्ट्री ने रफ्तार पकड़ ली है।
भगवान बांके बिहारी के दर्शन के लिए पूरे भारत से बड़ी संख्या में लोग मथुरा-वृंदावन की बुकिंग करा चुके हैं। ऐसे में टूरिस्ट एजेंसियों के मालिक भी बेहद उत्साहित हैं।
हिंदू पंचांग के अनुसार प्रतिवर्ष भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को जन्माष्टमी का त्योहार मनाया जाता है। इसी दिन रोहिणी नक्षत्र में मथुरा के कारागार में भगवान श्री कृष्ण का जन्म हुआ था।इस साल जन्माष्टमी गुरुवार 18 अगस्त 2022 को मनाई जाएगी। वैसे तो जन्माष्टमी की धूम देशभर में देखने को मिलती है लेकिन इस खास अवसर पर ब्रज मंडल के कुछ मंदिरों में विशेष उत्सव का आयोजन किया जाता है।

Janmastami 2022: समग्र ब्रज मंडल के कण-कण में विद्यमान हैं श्रीकृष्ण ?
ब्रज मंडल उत्तर प्रदेश का वह क्षेत्र है जो भगवान कृष्ण से किसी न किसी प्रकार से जुड़ा हुआ है। ऐसा माना जाता है कि
समग्र ब्रज मंडल के कण-कण में श्रीकृष्ण जी विद्यमान हैं। इसके अंतर्गत 12 वन और कई उपवन आते हैं। इनमें मथुरा, वृंदावन, गोकुल, गोवर्धन, महावन, बरसाना, नंदगांव, बलदेव,काम्यवन और डीग जैसी वो तमाम इलाके शामिल हैं जो श्रीकृष्ण का लीला स्थल रहा है। पौराणिक ग्रंथों के अनुसार ब्रज की सीमा चौरासी कोस माना गया है। यहां जन्माष्टमी के दिन श्रीकृष्ण की पूजा की जाती है। जानते हैं ब्रज मंडल के ऐसे मंदिरों के बारे में जहां कृष्ण जन्माष्टमी का उत्सव धूमधाम से मनाया जाता है।
Janmastami 2022: कृष्ण जन्मभूमि मंदिर मथुरा
भगवान श्रीकृष्ण का जन्म मथुरा में कंस के कारागार में हुआ था। जिस जगह पर भगवान का जन्म हुआ था आज वहां भगवान श्रीकृष्ण का भव्य मंदिर है। जन्माष्टमी के मौके पर यहां भगवान कृष्ण की भव्य झांकियां निकाली जाती हैं। देश और दुनिया के कोने-कोने से भक्त यहां ठाकुर जी के दर्शन करने के लिए आते हैं।
Janmastami 2022: 84 खंभा मंदिर यहीं पर प्रभु नन्हे पगों से चलते थे
मथुरा में भगवान के जन्म के तुरंत बाद उन्हें पिता वासुदेव जी गोकुल ले आए थ। उन्होंने अपनी बाल्य लीलाएं रचाई। गोकुल के नंद भवन में भगवान श्रीकृष्ण के जन्म दिवस के अवसर पर जन्माष्टमी का पावन त्योहार बड़े हर्षोल्लास और धूमधाम से मनाया जाता है। यहां कुल 84 खंभे बने हैं। ऐसी मान्यता है कि यहां प्रभु ने अपने नन्हे पग धरे। यहां वे मित्रों और दाऊ के साथ खेले। सभी को अपनी लीलाएं दिखाईं। मंदिर में तब्दील ठाकुर जी के घर के बारे में ऐसी मान्यता है कि आज तक कोई भी इसके खंभे एक बार में नहीं गिन सका है।
Janmastami 2022: श्रीकृष्ण के बेहद खास पल का गवाह है श्री बांकेबिहारी मंदिर वृंदावन
भगवान श्रीकृष्ण के जीवन का बेहद खास पल वृंदावन में गुजरा। यहीं से उन्होंने पूरी दुनिया को प्रेम का पाठ पढ़ाया। यहां मौजूद श्रीबांके बिहारी मंदिर में जन्माष्टमी के मौके पर विशेष उत्सव का आयोजन कराया जाता है। दूर-दूर से पहुंचे श्रद्धालु ठाकुर जी दर्शन के दीवाने होते हैं। प्रभु को बड़े ही सुंदर ढंग से सजाया जाता है। यहां का दर्शन, सिंगार और आरती बेहद भव्य होती है।
Janmastami 2022: राधा रानी मंदिर बरसाना
भगवान कृष्ण के निश्छल प्रेम की पुजारी राधा रानी जी का यहां भव्य मंदिर है। पूरे बरसाने में भगवान कृष्ण और राधा रानी जी की लीलाएं प्रचलित हैं। कृष्ण जन्माष्टमी के पावन अवसर पर राधा रानी मंदिर में भी विशेष उत्सव का आयोजन किया जाता है।यहां पर भक्त ठाकुर जी और राधा-रानी का दर्शन उनके स्वरूप को निहारते रह जाते हैं। यहां के कण-कण में श्रीकृष्ण बसते हैं।
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