Ganesh Ji: गौरी नंदन, शिवपुत्र गणेश भगवान को दुख हरता और सुख करता कहा जाता है। मान्यता है कि किसी भी शुभ काम की शुरुआत करने से पहले बप्पा की पूजा करने से जीवन के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं। बुधवार का दिन गणेश जी का होत है। इस दिन बप्पा के लिए उपवास और उनकी आरती करने से जीवन से सारे कष्ट दूर होते हैं और सुख आता है।
मान्यता है कि श्री गणेश की पूजा का विशेष दिन है बुधवार। साथ ही, इस दिन बुध ग्रह के निमित्त भी पूजा की जाती है। यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में बुध ग्रह अशुभ स्थिति में हो तो बुधवार को गणेश जी का पूरे विधि विधान से पूजा करने से सारे कष्ट दूर हो जाते हैं।
पूजन विधि
श्रीगणेश को सिंदूर, चंदन, यज्ञोपवीत, दूर्वा, लड्डू या गुड़ से बनी मिठाई का भोग लगाएं। धूप व दीप लगाकर आरती करें।
पूजन में इस मंत्र का जाप करें
मंत्र- प्रातर्नमामि चतुराननवन्द्यमानमिच्छानुकूलमखिलं च वरं ददानम्।
तं तुन्दिलं द्विरसनाधिपयज्ञसूत्रं पुत्रं विलासचतुरं शिवयो: शिवाय।।
प्रातर्भजाम्यभयदं खलु भक्तशोकदावानलं गणविभुं वरकुञ्जरास्यम्।
अज्ञानकाननविनाशनहव्यवाहमुत्साहवर्धनमहं सुतमीश्वरस्य।।
मंत्र का अर्थ
इस मंत्र का अर्थ यह है कि मैं ऐसे देवता का पूजन करता हूं, जिनकी पूजा स्वयं ब्रह्मदेव करते हैं। ऐसे देवता, जो मनोरथ सिद्धि करने वाले हैं, भय दूर करने वाले हैं, शोक का नाश करने वाले हैं, गुणों के नायक हैं, गजमुख हैं, अज्ञान का नाश करने वाले हैं। हम शिव पुत्र श्री गणेश का सुख-सफलता की कामना से भजन, पूजन और स्मरण करते हैं।
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