इजरायल-ईरान जंग पर सोनिया गांधी ने मोदी सरकार के रुख पर उठाए सवाल, कहा – भारत की खास स्थिति, फिर भी चुप्पी क्यों?

0
5

Sonia Gandhi on Israel-Iran War: इजरायल और ईरान के बीच जारी युद्ध को लेकर कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने एक अंग्रेजी अखबार में लेख लिखकर भारत सरकार की मौजूदा विदेश नीति पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत की ‘मौन नीति’ को देश की नैतिक और कूटनीतिक परंपरा से विचलन बताया है।

ईरान को बताया भारत का ‘पुराना और सहयोगी मित्र’

अपने लेख में सोनिया गांधी ने कहा, “ईरान भारत का पुराना मित्र रहा है, जो हमारे साथ गहरे सांस्कृतिक संबंधों से जुड़ा है।” उन्होंने याद दिलाया कि 1994 में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयोग में कश्मीर मुद्दे पर भारत के खिलाफ प्रस्ताव को ईरान ने रोकने में मदद की थी। उन्होंने यह भी कहा कि इस्लामिक गणराज्य ईरान, अपने पूर्ववर्ती सम्राज्यवादी शासन से अधिक सहयोगी रहा है, जिसने 1965 और 1971 की जंग में पाकिस्तान का साथ दिया था।

बता दें कि इजरायल-ईरान युद्ध और गाजा संकट के मुद्दे पर कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा लिखे गए अंग्रेजी लेख को लेकर कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने आज सुबह सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट साझा किया है। उन्होंने कहा- “आज ‘द हिंदू’ में प्रकाशित मैं कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी के लेख से एक अंश साझा कर रहा हूं, जिसमें उन्होंने पश्चिम एशिया में हमारी विदेश नीति पर कांग्रेस के रुख को स्पष्ट किया है।”

भारत की खास स्थिति, फिर भी चुप्पी क्यों?

लेख में उन्होंने इस बात पर भी ज़ोर दिया कि भारत का इजरायल और ईरान दोनों से रणनीतिक और ऐतिहासिक संबंध हैं, इसलिए भारत के पास शांति बहाली में सामर्थ्य और नैतिक जिम्मेदारी दोनों हैं। “भारत के लाखों नागरिक पश्चिम एशिया में रहते हैं। ऐसे में वहां शांति सिर्फ सैद्धांतिक मुद्दा नहीं, बल्कि हमारे राष्ट्रीय हित का भी विषय है,” उन्होंने लिखा।

इजरायल की कार्रवाई को बताया ‘अत्यधिक और विनाशकारी’

सोनिया गांधी ने लेख में कहा कि कांग्रेस पार्टी ने 7 अक्टूबर 2023 को हमास द्वारा किए गए आतंकी हमलों की कड़ी निंदा की थी, लेकिन इजरायल की जवाबी कार्रवाई को ‘विनाशकारी और अनुपातहीन’ बताते हुए उसकी आलोचना की। उन्होंने कहा, “अब तक 55,000 से अधिक फिलिस्तीनियों की जान जा चुकी है, पूरे मोहल्ले, अस्पताल और परिवार तबाह हो चुके हैं। गाजा भुखमरी की कगार पर है।”

भारत की चुप्पी को बताया ‘मूल्यों का समर्पण’

उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने न केवल गाजा में तबाही पर बल्कि ईरान के खिलाफ इजरायल की हालिया कार्रवाई पर भी चुप्पी साध रखी है, जो कि भारत की पारंपरिक नीति– दो-राज्य समाधान और शांति की पहल – से हटाव है। सोनिया गांधी ने तीखी टिप्पणी कर कहा, “यह सिर्फ आवाज़ का नहीं, बल्कि हमारे मूल्यों का भी समर्पण है,”

भारत से की पहल की अपील

लेख के अंत में सोनिया गांधी ने कहा, “अभी देर नहीं हुई है। भारत को स्पष्ट बोलना चाहिए, जिम्मेदारी से कार्य करना चाहिए और कूटनीतिक माध्यमों से क्षेत्र में तनाव कम करने और संवाद की वापसी के लिए प्रयास करना चाहिए।”