रॉबर्ट वाड्रा की ईडी में पेशी, लेकिन सुर्खियों में प्रियंका की मौजूदगी भी – आखिर संदेश क्या है?

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रॉबर्ट वाड्रा की ईडी में पेशी, लेकिन सुर्खियों में प्रियंका की मौजूदगी भी
रॉबर्ट वाड्रा की ईडी में पेशी, लेकिन सुर्खियों में प्रियंका की मौजूदगी भी

प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा रॉबर्ट वाड्रा से पूछताछ का आज तीसरा दिन है। बीते दो दिनों में उनसे करीब 12 घंटे लंबी पूछताछ हो चुकी है, और आज का सेशन भी शाम 6:30 बजे तक चल सकता है। लेकिन जितनी चर्चा वाड्रा से पूछताछ की हो रही है, उतनी ही दिलचस्पी प्रियंका गांधी वाड्रा की भूमिका को लेकर भी बनी हुई है। हर बार जब वाड्रा ईडी कार्यालय पहुंचते हैं, प्रियंका उनके साथ होती हैं। बुधवार को भी वो उन्हें छोड़ने आई थीं और दो घंटे तक ईडी ऑफिस में रहीं। गुरुवार को भी वो पति के साथ मौजूद रहीं, जिससे यह स्पष्ट संकेत जा रहा है कि परिवार एकजुट है और मुश्किल समय में साथ खड़ा है।

वाड्रा का पक्ष: वही सवाल दोहराए जा रहे हैं

वाड्रा का आरोप है कि ईडी उन्हीं पुराने सवालों को बार-बार पूछ रही है। हालांकि एजेंसी का कहना है कि कुछ नए तथ्य सामने आए हैं और उन्हीं पर आधारित सवाल पूछे जा रहे हैं। मामला 2008 का है, जिसमें वाड्रा की कंपनी पर जमीन की खरीद-फरोख्त और नियमों के दुरुपयोग का आरोप है। आरोप है कि गुरुग्राम के ओंकारेश्वर प्रॉपर्टीज से 3.5 एकड़ जमीन 7.5 करोड़ रुपये में खरीदी गई और बाद में भूमि उपयोग बदला गया—तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के कार्यकाल में। इसके बाद यह जमीन DLF को 58 करोड़ रुपये में बेची गई।

फेसबुक पर भावुक पोस्ट: ‘सच की जीत होगी’

ईडी की पूछताछ से पहले रॉबर्ट वाड्रा ने फेसबुक पर एक पोस्ट डाली, जिसमें उन्होंने अपने समाज सेवा कार्यक्रमों को रोकने की जानकारी दी। उन्होंने लिखा कि वह बुजुर्गों को भोजन कराने और बच्चों को उपहार देने जैसी सेवाएं जारी रखना चाहते हैं, लेकिन सत्ता पक्ष उन्हें रोक रहा है। उन्होंने लिखा, “मैं अन्याय के खिलाफ आवाज उठाना जारी रखूंगा। मैं सत्य में विश्वास करता हूं और मुझे यकीन है कि सत्य की जीत होगी।”

क्या है केस की पूरी पृष्ठभूमि?

वाड्रा के खिलाफ यह मामला 2018 में गुरुग्राम के खेरकी दौला थाने में दर्ज हुआ था। शिकायतकर्ता सुरेंद्र शर्मा ने आरोप लगाया था कि स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी नामक कंपनी, जिसमें वाड्रा की हिस्सेदारी है, ने धोखाधड़ी और आपराधिक षड्यंत्र के तहत जमीन का सौदा किया। केस में भूपेंद्र हुड्डा को भी सह-आरोपी बनाया गया है। मामला भारतीय दंड संहिता की कई धाराओं जैसे 420, 120B, 467, 468, 471 और बाद में जोड़ी गई 423 के तहत दर्ज हुआ।

ईडी इस मामले में वित्तीय गड़बड़ियों और ज़मीन सौदों की जांच कर रही है और यह देख रही है कि नियमों के तहत लैंड यूज में बदलाव करके कैसे जमीन का मूल्य बढ़ाकर लाभ कमाया गया।