राहुल-प्रियंका संग अखिलेश का जलवा, विपक्षी मार्च में बने ‘मैन ऑफ द मैच’

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आज विपक्ष के मार्च का 'मैन ऑफ द मैच' क्यों ले गए अखिलेश
आज विपक्ष के मार्च का 'मैन ऑफ द मैच' क्यों ले गए अखिलेश

दिल्ली में सोमवार को सियासी तापमान चरम पर था। संसद भवन के मकर द्वार से निकले विपक्षी सांसदों के कदमों में खासा उत्साह झलक रहा था। हाथों में तख्तियां और सिर पर सफेद टोपी पहने कई बड़े नेता इस मार्च में शामिल हुए। विपक्ष का लक्ष्य निर्वाचन आयोग के मुख्यालय तक पहुंचना था, लेकिन ट्रांसपोर्ट भवन के पास लगी बैरिकेडिंग ने रफ्तार रोक दी और यहीं से नारों की गूंज तेज हो गई।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव, तृणमूल कांग्रेस व द्रमुक के नेता कंधे से कंधा मिलाकर आगे बढ़ रहे थे। आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह भी साथ थे, जबकि उनकी पार्टी हाल ही में ‘इंडिया’ गठबंधन से अलग होने का ऐलान कर चुकी है।

इस प्रदर्शन का केंद्रबिंदु बने अखिलेश यादव, जिन्होंने सबसे पहले पुलिस की लगाई बैरिकेडिंग पार की। उनके इस कदम ने बाकी विपक्षी नेताओं में जोश भर दिया। हिरासत में लिए जाने के बावजूद विपक्षी सांसद आक्रामक रुख में दिखे। महिला सांसदों ने भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और प्रियंका गांधी पूरे तेवर में नजर आईं।

जैसे-जैसे भीड़ आगे बढ़ी, पुलिस की रोक-टोक और नेताओं के नारे एक साथ गूंजने लगे। कांग्रेस सांसद ज्योतिमणि और संजना जाटव बैरिकेड पर चढ़ गईं और सरकार के खिलाफ नारे लगाए। माहौल गरमाता गया और पुलिस ने कई नेताओं को हिरासत में ले लिया।

मार्च शुरू होने से पहले ही दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने स्पष्ट किया था कि इस प्रदर्शन के लिए किसी ने अनुमति नहीं ली है। यह विरोध राहुल गांधी के मतदाता सूची में कथित धांधली के आरोपों के बाद विपक्ष का पहला बड़ा प्रदर्शन था।

राहुल गांधी ने हाल ही में बेंगलुरु के महादेवपुरा विधानसभा क्षेत्र का हवाला देते हुए कहा था कि मतदाता सूची में हेरफेर कर ‘‘वोट चोरी’’ का मॉडल भाजपा के हित में लागू किया गया है। उनका दावा था कि महादेवपुरा में 1,00,250 मतों की चोरी हुई, जबकि पिछली बार भाजपा ने यह सीट महज 32,707 वोटों से जीती थी।