छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले के मचानदूर गांव में पुलिस और एक आर्मी जवान के बीच टकराव का मामला सामने आया है। आरोप है कि ईद के अवसर पर पुलिसकर्मी एक घर में लगे भगवा झंडे को हटाने पहुंचे थे, इसी दौरान जवान से बदसलूकी की गई। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद मामला तूल पकड़ गया है।
कैसे शुरू हुआ विवाद?
जानकारी के मुताबिक, मचानदूर चौकी थाना क्षेत्र में रहने वाली नेहा निषाद ने बताया कि शुक्रवार रात दो पुलिसकर्मी उनके घर आए और भगवान राम का झंडा जबरन उतारने की कोशिश की। इसी दौरान उनके बेटे कौशल निषाद, जो आर्मी में कार्यरत हैं और छुट्टियों पर घर आए थे, से पुलिस ने कहासुनी की।
नेहा निषाद का आरोप है कि पुलिसवालों ने उनके बेटे के साथ हाथापाई करते हुए कॉलर पकड़ा और अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया। इतना ही नहीं, थाने ले जाने की धमकी भी दी गई। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि क्या अब हिंदू परिवारों को अपने घर पर धार्मिक प्रतीक लगाने के लिए भी इजाजत लेनी पड़ेगी।
बजरंग दल आया समर्थन में
इस विवाद के बाद बजरंग दल ने पीड़ित परिवार का समर्थन किया। संगठन के संयोजक रवि निगम ने आरोप लगाया कि गांव में करीब 40-50 मुस्लिम परिवार रहते हैं जबकि हिंदू परिवार केवल दो हैं और इन्हें ही बार-बार निशाना बनाया जा रहा है। उन्होंने जिला कलेक्ट्रेट का घेराव कर पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन सौंपा और दोषी पुलिसकर्मियों पर FIR दर्ज करने के साथ-साथ निलंबन की मांग की।
पुलिस प्रशासन की प्रतिक्रिया
मामला बढ़ने के बाद दुर्ग के एएसपी अभिषेक सिंह ने बयान जारी किया। उन्होंने कहा कि यह घटना मचानदूर चौकी क्षेत्र की है और इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है। जिन पुलिसकर्मियों पर आरोप लगे हैं, उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की सिफारिश कर दी गई है। इसके साथ ही गांव में अवैध रूप से रह रहे लोगों की जांच शुरू कर दी गई है और राजस्व विभाग को इस संबंध में पत्र भेजा गया है।