UP News: शिवालिक क्षेत्र में मिला 38 करोड़ साल पुराने जीव का जीवाश्म, रहस्य से उठ सकता है पर्दा

चीन जीवों के संरक्षित अवशेष जो कभी पृथ्वी पर रहते थे या उनके द्वारा चट्टानों पर छोड़े गए छापों को जीवाश्म कहा जाता है। जीवाश्म पृथ्वी की सतह या चट्टानों पर पत्थरों के रूप में सुरक्षित पाए जाते हैं।

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UP News: शिवालिक क्षेत्र में मिला 38 करोड़ साल पुराने जीव का जीवाश्म
UP News: शिवालिक क्षेत्र में मिला 38 करोड़ साल पुराने जीव का जीवाश्म

UP News: उत्तर प्रदेश के सहारनपुर के शिवालिक की तलहटी से निकलने वाली सहंसरा नदी के तह में समुद्र में पाए जाने वाले एक जीव का जीवाश्म मिलने का दावा किया गया है। कहा जा रहा है कि यह जीवाश्म करीब 30 से 38 करोड़ वर्ष पुराना है। सेंटर फॉर वाटरपीस इंस्टीट्यूट और हिमालयन इंस्टीट्यूट ऑफ एनवायरनमेंट, इकोलॉजी एंड डेवलपमेंट उत्तराखंड के विज्ञान प्रभारी डॉक्टर उमर सैफ ने दावा किया है कि जीवाश्म हाइड्रोसेरस नामक एक बहुकोशिकीय जीव का है, जो कार्बोनिफेरस कॉल के समय पाया जाता था। जीवाश्म मिलने के बाद वैज्ञानिकों ने कहा है कि इसमें कई राज छिपे हो सकते हैं। शोध शुरू कर दिया गया है।

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जीवाश्म करीब 30 से 38 करोड़ वर्ष पुराना

UP News: शिवालिक क्षेत्र और नदी में शोध जारी

बता दें कि सहारनपुर के शिवालिक क्षेत्र से कई छोटी नदियां निकलती हैं। इन्हीं में से एक है सहंसरा नदी। नदी को पुनर्जीवित करने के लिए लंबे समय से नदी का भूगर्भीय जीर्णोद्धार किया जा रहा है। इसके लिए भूवैज्ञानिक शिवालिक क्षेत्र और नदी में शोध कर रहे हैं। सेंटर फॉर वाटरपीस को इस अवधि के दौरान एक जीवाश्म प्राप्त हुआ है। जिसकी जांच में एक बड़ा रहस्य सामने आया है। इस संबंध में जानकारी देते हुए देहरादून के वैज्ञानिक हिमालयन संस्थान डॉक्टर उमर सैफ ने बताया है कि शिवालिक क्षेत्र में सहंसरा नदी से हाइडोसेरस के जीवाश्म बरामद किए गए हैं। बता दें कि Hydnocerus कोई एक जीव नहीं, बल्कि कई अन्य जीवों का समूह था, जो एक साथ रहते थे।

आपको बता दें कि प्राचीन जीवों के संरक्षित अवशेष जो कभी पृथ्वी पर रहते थे या उनके द्वारा चट्टानों पर छोड़े गए छापों को जीवाश्म कहा जाता है। जीवाश्म पृथ्वी की सतह या चट्टानों पर पत्थरों के रूप में सुरक्षित पाए जाते हैं। जीवाश्मों से जैविक विकास के प्रत्यक्ष प्रमाण मिलते हैं।

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